जामताड़ा के कुंडहित बीडीओ मोहम्मद जमाले राजा इस समय अन्य अधिकारीयों के लिए बने है प्रेरणास्रोत
निजाम खान। राष्ट्र संवाद
किसी भी समाज की प्रगति का पैमाना इस बात से तय होता है कि वहां के गरीब और जरूरतमंद लोगों को कितनी प्राथमिकता और सहायता दी जाती है। जब प्रशासनिक अधिकारी मानवीय दृष्टिकोण के साथ काम करते हैं, तो समाज में बदलाव की प्रक्रिया तेज हो जाती है। हाल ही में जामताड़ा जिला के कुंडहित प्रखंड के बीडीओ मोहम्मद जमाले राजा के द्वारा प्रखंड के बाघाशोला के एक गरीब दंपत्ति मोटु पावरीया और उनकी धर्मपत्नी लुखुमुनी पावरीया की मदद के लिए उठाए गए कदमों ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्ची सेवा और करुणा के साथ किया गया कार्य न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि व्यापक समाज पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।इस घटना में बीडीओ ने न केवल अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियों को निभाया, बल्कि अपने संवेदनशील दृष्टिकोण से यह साबित किया कि कैसे एक अधिकारी जरूरतमंदों की जिंदगी में आशा की किरण बन सकता है।बताते चले कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ता शमशुल हक ने गरीब दंपत्ती के विषय में कुंडहित बीडीओ मोहम्मद जमाले राजा को सुचना दिया कि गरीब दंपत्ती सरकार के कई लाभ से वंचित है।सुचना मिलते ही बीडीओ ने तुरंत गरीब दंपत्ती के घर पहूंचकर चावल,दाल मुहैया कराया एवं जल्द ही राशन में नाम जोड़ने का अश्वासन दिया।इस मौके पर प्रखंड आपूर्ती पदाधिकारी संजय कुमार भी मौजूद रहे।गौरतलब है कि गरीब दंपत्ति गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा था। ऐसे में उनकी मदद के लिए बीडीओ ने व्यक्तिगत रुचि दिखाते हुए न केवल उनकी समस्या को समझा, बल्कि त्वरित और प्रभावी कदम उठाए। तत्काल राहत के लिए सरकारी खाद्य वितरण प्रणाली का लाभ दिलवाया।
यह पहल उस मानवीयता का प्रतीक है, जिसकी हर प्रशासनिक अधिकारी से अपेक्षा की जाती है।
संवेदनशील प्रशासन: बदलाव की कुंजी
भारत जैसे देश में, जहां गरीबी एक बड़ी समस्या है, प्रशासन की संवेदनशीलता और सक्रियता का महत्व और भी बढ़ जाता है। सरकार ने विभिन्न योजनाएं बनाई हैं, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, खाद्य सुरक्षा योजना, और मनरेगा। लेकिन इन योजनाओं का असली लाभ तब तक नहीं मिलता जब तक उन्हें सही तरीके से लागू न किया जाए।
बीडीओ की इस पहल ने यह साबित किया है कि प्रशासनिक अधिकारी अगर संवेदनशीलता और ईमानदारी से काम करें, तो सरकारी योजनाएं जरूरतमंदों तक समय पर और प्रभावी रूप से पहुंच सकती हैं। उन्होंने यह दिखाया कि एक सक्षम और संवेदनशील अधिकारी अकेले भी बड़ी समस्याओं का समाधान कर सकता है।इस पहल के व्यापक प्रभाव:इस घटना का प्रभाव केवल एक गरीब दंपत्ति तक सीमित नहीं है। इसका प्रभाव व्यापक है:
अन्य अधिकारियों के लिए प्रेरणा: यह घटना अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक उदाहरण है कि कैसे संवेदनशीलता के साथ काम किया जा सकता है। इस पहल ने समाज में यह संदेश दिया कि प्रशासनिक तंत्र जरूरतमंदों की सहायता के लिए तत्पर है।इस तरह के कार्य नागरिकों के बीच प्रशासन के प्रति विश्वास को बढ़ाते हैं।
इस प्रकार की पहल में कुछ चुनौतियां भी सामने आती हैं, जिन्हें समझना और हल करना जरूरी है।
बीडीओ ने जिस तरह से अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया, वह प्रशंसनीय है और अन्य अधिकारियों के लिए प्रेरणादायक है।
समाज के लिए प्रेरणा:इस घटना का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसने समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है। यह घटना यह साबित करती है कि मानवीय करुणा और संवेदनशीलता से भरे छोटे-छोटे कदम भी बड़े बदलाव का कारण बन सकते हैं।
नागरिक समाज भी इस पहल से प्रेरणा लेकर अपनी भूमिका निभा सकता है। समाज के सक्षम वर्गों, गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों को ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए आगे आना चाहिए। यह उनकी सामूहिक जिम्मेदारी है कि वे प्रशासन के साथ मिलकर गरीबों के जीवन स्तर को सुधारने में योगदान दें।
शासन और प्रशासन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण:
आज के समय में, जब कई बार प्रशासनिक तंत्र की आलोचना होती है, ऐसे उदाहरण यह दिखाते हैं कि प्रशासनिक सेवा में ईमानदारी और मानवता की भावना अब भी जीवित है। बीडीओ की यह पहल समाज में प्रशासनिक अधिकारियों के प्रति विश्वास को बढ़ाने में मदद करती है। यह घटना यह भी सिद्ध करती है कि प्रशासनिक अधिकारी अगर संवेदनशीलता, करुणा और दृढ़ संकल्प के साथ काम करें, तो वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
बीडीओ द्वारा गरीब दंपत्ति की मदद करना केवल एक प्रशासनिक कार्य नहीं था, यह एक मानवीय कदम था जो समाज के हर वर्ग को प्रेरित करता है। इस पहल ने दिखाया कि एक अधिकारी की छोटी-सी कोशिश भी किसी के जीवन में कितना बड़ा बदलाव ला सकती है।
यह घटना न केवल प्रशासनिक अधिकारियों के लिए, बल्कि समाज के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का स्रोत है। अगर हम सभी इस भावना को अपनाएं और जरूरतमंदों की मदद के लिए अपने स्तर पर योगदान दें, तो एक ऐसा समाज बनाया जा सकता है जहां हर व्यक्ति को जीने का समान अधिकार मिले।
बीडीओ की यह पहल हमें यह सिखाती है कि प्रशासन केवल नियमों और योजनाओं तक सीमित नहीं है। यह लोगों की समस्याओं को समझने और उन्हें हल करने का एक माध्यम भी है। अगर हर अधिकारी इसी दृष्टिकोण के साथ काम करे, तो समाज में गरीबी और असमानता को जड़ से खत्म करना संभव है।
इस प्रेरणादायक कहानी ने यह सिद्ध कर दिया है कि बदलाव लाने के लिए बड़े कदमों की जरूरत नहीं होती, बल्कि छोटे लेकिन ईमानदार प्रयास भी किसी के जीवन को रोशन कर सकते हैं।