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    Home » भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मार्कंण्डेय को दिया था अमरता का वरदान
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    भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मार्कंण्डेय को दिया था अमरता का वरदान

    Nijam KhanBy Nijam KhanDecember 31, 2024No Comments3 Mins Read
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    भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने मार्कंण्डेय को दिया था अमरता का वरदान

    राष्ट्र संवाद संवाददाता
    जमशेदपुर। मानगो एनएच 33 स्थित वसुन्धरा एस्टेट में चल रहे श्री शिवकथा ज्ञान यज्ञ के छठवें दिन मंगलवार को कथा वाचक स्वामी वृजनंदन शास्त्री महाराज ने मार्कंण्डेय जी को मृत्यु रहित अमृत्व कर प्राप्ति और ओम्कारेश्वर विश्वनाथ महाकाल प्रसंग की कथा का विस्तार से वर्णन किया। महाराज ने कहा कि महामृत्युंजय मंत्र की रचना करने वाले मार्कंण्डेय की भक्ति से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें अमरता का वरदान दिया। यह सुनिश्चित किया कि वे कभी बूढ़े नहीं होंगे, सदाचारी बने रहेंगे और दुनिया के अंत तक प्रसिद्ध रहेंगे। आज तक, मार्कंण्डेय उन्हें अमर व्यक्तियों में से एक माना जाता है, जो अपनी योगिक शक्तियों के कारण युवा और संत जैसे दिखने के लिए जाने जाते हैं। महाराज ने बताया कि शिवजी ने मार्कंण्डेय से कहा कि अब से जो भी भक्त महामृत्युंजय मंत्र का जाप करेगा, उसके सभी कष्ट दूर होंगे और वह असमय मृत्यु के भय से भी बच जाएगा। महामृत्युंजय मंत्र का सरल अर्थ यह है कि हम त्रिनेत्र भगवान शिव का मन से स्मरण करते हैं। आप हमारे जीवन की मधुरता को पोषित और पुष्ट करते हैं। जीवन और मृत्यु के बंधन से मुक्त होकर अमृत की ओर अग्रसर हों।
    ओंकारेश्वर नगरी में प्राकृतिक शिवलिंगः- ओम्कारेश्वर विश्वनाथ महाकाल प्रसंग की कथा का वर्णन करते हुए आगे कहा कि भगवान के महान भक्त अम्बरीष और मुचुकुन्द के पिता सूर्यवंशी राजा मान्धाता ने इस स्थान पर कठोर तपस्या करके भगवान शंकर को प्रसन्न किया था। उस महान पुरुष मान्धाता के नाम पर ही इस पर्वत का नाम मान्धाता पर्वत हो गया। ओंकारेश्वर लिंग किसी मनुष्य के द्वारा गढ़ा, तराशा या बनाया हुआ नहीं है, बल्कि यह प्राकृतिक शिवलिंग है।

    आज के यजमान किरण-उमाशंकर शर्मा थे। महाराज जी सातवें दिन बुधवार को शिवजी द्धारा त्रिपुर वघ, तारकासुर वध कथा, त्रिपुरारी, त्रिशुल, त्रिपुंड एवं कार्तिकेय चरित्र कथा की महिमा का प्रसंग सुनायेंगे। हवन एवं भंडारा के साथ कथा का विश्राम बुधवार एक जनवरी को होगा।
    सोमवार को विभिन्न राजनीतिक एंव सामाजिक संगठन के गणमान्य क्रमशः पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और उनकी पत्नी मीरा मुंडा, सांसद विघुत वरण महतो और उनकी पत्नी उषा महतो, विधायक सरयू राय, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले, बॉबी सिंह उप मेयर आदित्यपुर, वरिष्ठ पत्रकार सतेन्द्र कुमार, डा डीपी शुक्ला, राजकुमार सिंह, अशोक गोयल, मंटू सिंह, पीके धवन, महेश सोंथालिया, विनोद शर्मा, सांवरमल शर्मा, आनंद चौधरी, भरत वसानी, पवन शर्मा, संजय सिंह, सुनील गुप्ता, मनोज सिंह, सूर्या रंजन राय, अनिल श्रीवास्तव, रामविलास शर्मा, हरेंदर पांडे, रामनाथ सिंह, शिवशंकर सिंह, मनोज कुमार मिश्रा, अर्जुन गौड़, अखलेश पांडे, अभिषेक शुक्ला, अनमोल वर्मा, विजय ओझा, सैलेन्द्र सिंह, राजेश कुमार रंजन, विनोद राय, संतोष उपाध्याय, नित्यानंद सिन्हा, नीलकमल शेखर, अमर सिंह, निरंजन सिंह, राम सकल तिवारी , कमल सिंघल, निशा सिंघल, नितेश मित्तल, राकेश दास, अखिलेश सिंह, मुकेश सिंह, उदय सिंह देव, मुकेश कुमार, विजय आनंद मूनका, मानव केडिया, राजीव अग्रवाल, अनिल अग्रवाल, विनोद शर्मा, उमेश खिरवाल, सिद्धार्थ उपाध्याय, मनोज तिवारी, अजय सिंह, दिलीप पोद्दार , नीरू सिंह, कविता दास, विनोद सिंह, रणवीर सिन्हा, सुरेश नरेडी, पवन गुप्ता, निपम मेहता, सुनील मरवा, गणेश गुप्ता, विश्वनाथ अग्रवाल, सुंदर अग्रवाल, प्रिंस सिंह, अजय सिंह आदि ने भोले बाबा के दरबार में हाजरी लगायी और कथा का आनन्द लिया। साथ ही स्वामी वृजनंदन शास्त्री से आर्शीवाद लिया और झारखंड के विकास की प्रार्थना की।

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