प्रखंड सभागार में प्रवाह संस्था ने पुलिस पदाधिकारीयों के साथ एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया आयोजन।
शिकारीपाड़ा/दुमका/
दिनांक 31/08/2024 को प्रवाह संस्था के द्वारा “सुरक्षित बचपन के लिए दामिन पहल” परियोजना के अंतर्गत शिकारीपाड़ा, मसानजोर, काठीकुंड और रानेश्वर थाना के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी, महिला पुलिस, ग्रामीण चौकीदार सहित बाल संरक्षण से जुड़े संस्थाओं का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन प्रखण्ड सभागार, शिकारीपाड़ा में आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बाल संरक्षण और मानव तस्करी के मुद्दे और उससे जुड़े कानूनों के प्रति पुलिस विभाग के पदाधिकारियों का क्षमता वर्धन करना हैं ताकि बाल अधिकार को संवेदंशीलता के साथ संबोधित किया जा सकें। साथ ही मानव तस्करी की घटनाओं पर भी अंकुश लगाया जा सकें।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन उक्त थानों के बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी और यूनिसेफ़ की जिला समन्वयक ज्योत्सना हेमब्रम ने किया।
प्रवाह के परियोजना समन्वयक प्रेम कुमार ने उपस्थित अधिकारियों एवं प्रतिभागियों को बाल संरक्षण के अंतर्गत किशोर न्याय अधिनियम 2015, पुलिस की भूमिका एवं सवाल- जवाब सत्र साथ ही मानव तस्करी के अंतर्गत परिभाषा, आईपीसी एवं बीएनएस-2023 के विभिन्न धाराएँ, विभागीय दिशा-निर्देश के बारे में विस्तार से समझाया इसके अलावा असुरक्षित पलायन, स्मग्लिंग और तस्करी के बीच अंतर्गत, पीड़ित व आरोपी की पहचान आदि महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। यूनिसेफ़, दुमका से ज्योत्सना हेमब्रम ने यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत यौन अपराधों की परिभाषा, संबंधित धराएं और सजा के प्रावधान, पोकसो अधिनियम की विशेषता और पुलिस की भूमिका और दायित्व पर जानकारी प्रदान की।
मौके पर सबीता मुर्मू, करण मुर्मू, पीएलवी सुशीला हेमब्रम, माणिक मिरधा, बिमोली हेमब्रम सहित अन्य हितधारक मौजूद थे। ]