देवर-भाभी का हंसी-मजाक झारखंड समेत देशभर में बना चर्चा का विषय
निजाम खान। राष्ट्र संवाद
आगामी 1जून को अंतिम चरण में दुमका लोकसभा में चुनाव है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी की ओर से सीता सोरेन बीते शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया ।जिसके नामांकन में भाजपा के दिग्गज नेता सह केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दुमका पहुंचे और सीता सोरेन के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया।वहीं आईएनडीआईए की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के नलीन सोरेन भी बीते शुक्रवार को नामांकन दाखिल किया।जिसके समर्थन में स्टार प्रचारक कल्पना सोरेन ने चुनावी सभा को संबोधित किया।लेकिन इन सब बातों के इतर देवर-भाभी की हंसी – मजाक दुमका से शुरू होकर पूरे झारखंड समेत देशभर में चर्चा का माहौल गरम रहा। चौक-चौराहों से लेकर बाजार तक,पान दुकान से लेकर चाई ढाबा तक देवर-भाभी की हंसी मजाक चर्चा में रहा।अब आप कहेंगे कि आखिर कौन-सी देवर-भाभी की मज़ाक की बात कर रहा हूं।तो दर असल बीते शुक्रवार को जब दुमका लोकसभा से भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन का नामांकन था,उससे एक दिन पहले सीता सोरेन दुमका सदर प्रखंड के खिजुरिया स्थित अपने ससुर दिशोम गुरु शिबू सोरेन के आवास पहूंचती है।इसकी भनक मीडिया के साथियों को लगते ही पहूंचे सीता सोरेन के पास और पूछते हैं कि मैडम क्या बातें हुई? किन-किन से मुलाकात हुई?इसके जवाब में सीता सोरेन कहती हैं कि उनके देवर मंत्री बसंत सोरेन से मुलाकात हुई।ससुर जी आवास में नहीं है। लेकिन क्या बातें हुई व मीडिया के साथियों को नहीं बतायी।वहीं मंत्री बसंत सोरेन से जब पुछा गया कि क्या बातें हुई तो उन्होंने ने भी नहीं कहा।अब इसका विश्लेषण राजनीतिक पंडितों से लेकर पत्रकारों ने भी अपने -अपने तरीके से किया।अब तक तो मामला चर्चा में चल रहा था लेकिन रफ्तार उतनी तेज नहीं थी। लेकिन ठीक उस दिन के बाद नामांकन के दिन अर्थात बीते शुक्रवार को इधर भाभी सीता सोरेन का नामांकन की प्रक्रिया चल रही उधर मंत्री बसंत सोरेन का सियासत की दुनिया में अपनी भाभी सीता सोरेन को लेकर काफी चर्चा व चौंकाने वाला बयान सामने आता है। मीडिया के साथियों में आस थी कि किसी भी तरह से पता निकालना है कि आखिर सीता जेएमएम से बगावत कर भाजपा में शामिल हुई , प्रत्याशी भी हुई। लेकिन आवास क्यों आईं थीं? बसंत सोरेन से फिर पुछते है क्या बातें हुई तो बसंत सोरेन कहते हैं कि सीता सोरेन का मोदी परिवार का भ्रम टुट गया है।शायद फिर से घर वापसी करेगी अर्थात झामुमो में शामिल होंगी। मीडिया के साथियों ने कहा आज तो वे नामांकन कर रही है।तो बसंत कहते हैं 17 मई तक का इंतजार कीजिए।सब कुछ साफ़ हो जायेगा। देवर-भाभी का मज़ाक़ की परंपराएं तो सदियों से चली आ रही है।ऐसे में अब बसंत सोरेन की भाभी भी इतना अच्छा मज़ाक़ करने से कहा पीछे हटने वाली थी। नामांकन के बाद सीता सोरेन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहती हैं कि जब वह आवास पहुंचीं थीं तो बसंत सोरेन ने कहा कि आपने झामुमो से इस्तीफा देकर भाजपा ज्वाइन किया अच्छा किया।आपको भाजपा ने काफी अच्छा सम्मान दिया।मेरे लिए भी थोड़ा पैरवी कर दीजिए।मैं भी भाजपा में आना चाहता हूं।अब दोनों देवर-भाभी की ये बयान को एक राजनीतिक बयान कहूं या देवर-भाभी का मज़ाक़ कहूं?ये बयानबाजी दुमका से निकलकर पूरे झारखंड समेत देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। गौरतलब है कि राजनीति में दोनों देवर-भाभी का बयान को असंभव भी नहीं कहा जा सकता है। राजनीति में तो यह जायज है।