राष्ट्रीय महिला आयोग ने महिलाओं के क्षमता निर्माण और व्यक्तित्व विकास के लिए पाठयक्रम किया शुरू नई दिल्ली। महिलाओं को स्वतंत्र बनाने और रोजगार के लिए तैयार करने के एक प्रयास के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने स्नातक तथा स्नातकोत्तर छात्राओं के लिए एक देशव्यापी क्षमता निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम शुरू किया है। आयोग केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के साथ व्यक्तिगत क्षमता निर्माण, व्यावसायिक करियर कौशल और डिजिटल साक्षरता एवं सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग पर सत्र आयोजित करने के लिए सहयोग कर रहा है ताकि छात्राओं को नौकरियों में प्रवेश के लिए तैयार किया जा सके। एनसीडब्ल्यू ने रविवार को हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहयोग से अपना पहला कार्यक्रम शुरू किया। एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि हमें हर क्षेत्र में और महिला नेतृत्वकर्ताओं की जरूरत है और एनसीडब्ल्यू द्वारा शुरू किया गया पाठ्यक्रम महिलाओं को अच्छा नेतृत्वकर्ता बनने के लिए तैयार करेगा। उन्होंने कहा, “महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी काबिलियत साबित की है। हम और अधिक महिला नेतृत्वकर्ता चाहते हैं, जो अपने सशक्तिकरण की यात्रा में अन्य महिलाओं को आगे आने और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगी। एनसीडब्ल्यू, इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्राओं को अपना रिज़ूम (बायोडाटा) तैयार करने और साक्षात्कार का सामना करने सहित उनके रोजगार की दिशा में हर कदम पर मदद करेगा तथा उन्हें आत्मविश्वास के साथ सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगा।”
रोजगार क्षमता बढ़ाने में मदद करेगा पाठ्यक्रम
यह पाठ्यक्रम रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए सहज, तार्किक और गहन सोच, संचार एवं पारस्परिक कौशल सीखने तथा उनके उपयोग को लागू करने पर केंद्रित होगा। पाठ्यक्रम को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिसमें व्यक्तिगत क्षमता निर्माण, व्यावसायिक करियर कौशल और डिजिटल साक्षरता एवं सोशल मीडिया का प्रभावी उपयोग। व्यक्तिगत क्षमता निर्माण सत्र छात्राओं की समय प्रबंधन, तनाव प्रबंधन और संचार जैसे कौशल बढ़ाने में मदद करेगा। सत्र का उद्देश्य विविधता का सम्मान करके और अच्छे श्रवण कौशल को अपनाकर महिला शिक्षार्थियों को प्रभावी संचार से जोड़ना है। यह छात्राओं की साथियों और हितधारकों के साथ बेहतर संबंधों के लिए पारस्परिक कौशल का अभ्यास करने में मदद करेगा और साथ ही महत्वपूर्ण विचारों एवं कार्य बिंदुओं के दस्तावेजीकरण के महत्व को समझने में भी मदद करेगा। सत्र छात्राओं की प्रभावी समय प्रबंधन कौशल सीखने में मदद करेगा, जिससे वे खुद को बेवजह के तनाव से बचा सकें।
उधर, डिजिटल साक्षरता और सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग से जुड़े तीसरे सत्र का उद्देश्य इंटरनेट एवं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के सुरक्षित उपयोग के बारे में महिलाओं में जागरूकता पैदा करना है। यह महिलाओं में साइबर अपराधों को लेकर जागरुकता बढ़ाएगा और उन्हें साइबर अपराधों को रोकने औरउनसे निपटने के लिए उपलब्ध संसाधनों/माध्या के बारे में सलाह देगा। तीनों सत्रों के पूरा होने के बाद, छात्राएं माईगोव (सरकारी संस्था) के माध्यम से आयोजित एक ऑनलाइन क्विज में भाग लेंगी, जहां विषय से जुड़ी उनकी समझ की जांच की जाएगी। परीक्षा कार्यक्रम के तहत आयोजित प्रशिक्षण सत्रों/पुस्तिका पर आधारित होगी। सभी प्रतिभागियों को क्विज के पूरा होने पर प्रमाण पत्र दिए जाएंगे और शीर्ष 25 प्रतिभागियों को एनसीडब्ल्यू, माईगोव,और संस्थान के प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित ‘सर्टिफिकेट ऑफ कमेंडेशन’ यानी प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाएगा।