विजय भारती की रिपोर्ट
भगवानपुर (बेगूसराय) : मिथिला शिक्षा मंच सम्बद्ध अन्तर्राष्ट्रीय मैथिली परिषद् के पाँचवे स्थापना दिवस समारोह के अवशर पर वर्चुअ़ल संगोष्ठी का आयोजन संस्थापक डा, घनाकर ठाकुर जी के अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ, जिसका संचालन मंच के संयोजक प्रो, पी, के, झा” प्रेम “ने किया। स्वागत भाषण डा, आनन्द ठाकुर ने दिया। आभार व्यक्त प्रो, अंजना चौबे ने किया ।बिषय प्रवेश करते हुए प्रो प्रेम ने बताया कि -यह मंच मैथिली भाषा के संवर्धन, सम्मान और छात्रों तथा शिक्षको के कल्याण के लिए संकल्पित हैं। समारोह में अध्यक्षता करते हुए मंच के संस्थापक डा धनाकर ठाकुर (बरेली)ने मंच के स्थापना के उद्देश्य और कार्यक्रम को विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि आज सम्पूर्ण मैथिली भाषा के संवर्धन के लिए संकल्पित यह संस्था अपने उद्देश्य के साथ आगे बढ रहा हैं, हम सभी मिथिला में रहने वाले मिथिला वासियों से आग्रह पूर्वक कहना है कि आने वाले जनगणना में मातृभाषा के रुप में मैथिली को लिखने का संकल्प लेना चाहिए।वर्चुअल संवाद में दिल्ली से रेखा झा प्रेम कान्त चौधरी , प्रो, अंजना चौबे,गौहाटी से टाटा नगर से डा, ममता झा, दरभंगा से डा, आनन्द ठाकुर, प्रियंका झा, समस्तीपुर से प्रो, युगल किशोर झा, प्रेमजीत झा, प्रो, हीरा झा, प्रो, प्रमोद कुमार चौधरी, शुशांत चन्द्र मिश्र, पटना से प्रो, गणेश प्रसाद सिंह,प्रो,मुकेश कुमार ,गौहाटी से प्रेम कांत चौधरी तथा मधुबनी से डा रतन कुमारी आदि ने अपने विचार साझा किये तथा मंच के उतरोत्तर विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।मंच के स्थापना दिवस पर संयोजक प्रो, प्रेम ने बताया कि मंच मिथिला के गौरव बाबा विधापति के नाम पर विधापति मैथिली विवाह विश्वविधालय सौराठ तथा जननायक कर्पूरी मिथिला विश्वविद्यालय समस्तीपुर तथा राष्ट्रकवि दिनकर विश्वविधालय बेगूसराय में स्थापित हो।मंच मैथिली भाषा के संवर्धन के लिए संकल्पित हैं तथा सरकार से माँग की हैं कि प्राथमिक स्तर से महाविधालय स्तर तक मेथिली शिक्षक भर्ती की जाय ।