किसानों की कर्ज़ माफ़ी पर भाजपा का झारखंड सरकार पर तंज, भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा “सरकार ने खोदा पहाड़ निकली चुहिया की कहावत को चरितार्थ किया”
● यूपीए गठबंधन सरकार अपने चुनावी वायदों से मुकर गईं : कुणाल षाड़ंगी
● एक परिवार में केवल एक किसान की ऋण माफ़ी की घोषणा अविवेकपूर्ण : कुणाल षाड़ंगी
झारखंड में हेमंत सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने के मौके पर राज्य कैबिनेट द्वारा किसानों के पचास हज़ार रुपये तक कि कर्ज़ माफ़ी को भारतीय जनता पार्टी ने किसानों के संग धोखा और छल करार दिया। भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि मुख्यमंत्री एवं राज्य कैबिनेट अपने ही वायदों से मुकर गई है। भाजपा ने राज्य सरकार पर वादाखिलाफ़ी का आरोप मढ़ते हुए कई विफलताओं को गिनाया। पूर्व विधायक और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि राज्य सरकार अपनी घोषणाओं को पूरा करने में पूरी तरह से फ़िसड्डी साबित हुई है। अनेकों मोर्चे पर विफलताएं गिनाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यूपीए गठबंधन ने विधानसभा चुनाव पूर्व अपने घोषणा पत्र में ऐलान किया था कि किसानों के दो लाख रुपये तक के ऋण माफ़ किये जायें। अब हकीकत यह है कि झारखंड की यू-टर्न सरकार ने मात्र पचास हज़ार रुपये तक कि ऋण माफ़ी का ऐलान किया है। इस ऐलान में भी विभिन्न तरह के शर्त और योग्यताओं को समाहित कर दी गई है। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि सरकार ने ऐसा का कुछ वायदा युवाओं को रोजगार देने के नाम पर किया था। घोषणा पत्र में तब कहा गया था कि सरकार बनते ही छह महीनों में पाँच लाख युवाओं को रोजगार दी जायेगी। एक वर्ष पूर्ण होने के बावजूद भी यह घोषणा धरी की धरी रह गई है। अब भाजपा के दबाव में झारखंड मंत्रिमंडल ने आगामी समय में पंद्रह हज़ार युवाओं को नौकरी देने का ऐलान किया है। किसानों की कर्ज़ माफ़ी को “खोदा पहाड़ और निकली चुहिया” बताकर तंज कसते हुए भाजपा प्रवक्ता श्री षाड़ंगी ने कहा कि किसानों के एनपीए एकाउंट को किसी तरह की छूट नहीं प्राप्त हो सकी है। उनपर बीते तीन किश्तों के भुगतान का दबाव रहेगा। भाजपा प्रवक्ता ने ऋण माफ़ी के उस प्रावधान पर भी विरोध जताया जिसमें एक परिवार में एक किसान के 50 हज़ार तक कि ऋण माफ़ी की बात कही गई है। कहा कि जिस परिवार का विभाजन हो गया है, उनके लिए यह प्रावधान कष्टप्रद होगी। भाजपा ने कहा कि झारखंड सरकार की ऋण माफ़ी की घोषणा से बैंकों को किसानों का दमन करने की खुली छूट मिल गई है। लगभग पौने चार लाख किसानों के संग सरकार ने सीधे तौर पर छल किया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया कि जिन किसानों का ऋण पचास हज़ार से अधिक है, वे अपना बैंक लोन कैसे चुकाएंगे ? क्या सरकार के पास इस संदर्भ में कोई कार्ययोजना है। प्रधानमंत्री किसान निधि के पैसे भी बैंक के द्वारा रोके जा रहे हैं उस संबंध में कोई कार्य आदेश सरकार के द्वारा जारी नहीं होना चिंताजनक है।