नई दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में पुराने वाहनों को कबाड़ में देने पर नए वाहनों की खरीद में राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति के तहत पथकर में 25 फीसदी तक की छूट दी जायेगी. मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में कहा कि वाहन कबाड़ नीति में वाहन मालिकों को पुराने और पर्यावरण के लिए खराब प्रदूषणकारी वाहनों को छोड़ने को लेकर प्रेरित करने के लिए एक प्रणाली का प्रस्ताव है.
मंत्रालय ने कहा, कबाड़ के लिए वाहन जमा कराने पर मिले प्रमाणपत्र के आधार पर वाहन मालिकों को यह छूट दी जाएगी. यह रियायत गैर-परिवहन (पर्सनल) वाहनों के मामले में 25 फीसदी तक और परिवहन वाहनों के मामले में 15 फीसदी तक है. मंत्रालय ने कहा कि यह रियायत परिवहन वाहनों के मामले में 8 साल तक और गैर-परिवहन वाहनों के मामले में 15 साल तक उपलब्ध होगी.
स्क्रैपेज पॉलिसी के तहत फिटनेस टेस्ट और स्क्रैपिंग सेंटर से जुड़े नियम 1 अक्टूबर 2021 से लागू हो गए हैं. सरकारी और PSU से जुड़े 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने वाले नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे. कॉमर्शियल व्हीकल्स के लिए जरूरी फिटनेस टेस्टिंग से जुड़े नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे. अन्य वाहनों के लिए जरूरी फिटनेस टेस्टिंग से जुड़े नियम 1 जून 2024 से चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे.स्क्रैपेज सेंटर को नेशनल क्राइम ब्यूरो से भी लिंक किया जाएगा. वाहन पोर्टल से जोड़ने का नियम इसलिए रखा गया है ताकि पुरानी गाड़ियों को आसानी से डी-रजिस्टर किया जा सके और उसी आधार पर नए सर्टिफिकेट मिल सकें. यह सारा रिकॉर्ड एक ऑनलाइन पोर्टल पर मौजूद होगा. पुरानी गाड़ियों को स्क्रेप कराने पर ही नई गाड़ियों पर छूट मिलेगी.
अगर आपकी गाड़ी 15 साल पुरानी हो गई है और उसके रजिस्ट्रेशन का रिन्यूअल कराना चाहते हैं तो 5 हजार रुपये जमा करने होंगे. मौजूदा रिन्यूअल चार्ज से यह 8 गुना ज्यादा शुल्क होगा. केंद्र सरकार ने यह विचार इसलिए किया है ताकि सड़कों से पुरानी गाड़ियों को हटाया जा सके. ऐसी पुरानी गाड़ियां अधिक प्रदूषण फैलाती हैं जिन्हें कबाड़ में भेजने के लिए नई स्क्रेपेज नीति का ऐलान किया गया है.