झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम गिरफ्तार
रांची: झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. उनके ओएसडी और नौकर के घर से भारी भरकम कैश बरामद होने के मामले में ईडी ने ये कार्रवाई की है.
झारखंड सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता आलमगीर आलम को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. कुछ दिनों पहले उनके ओएसडी और नौकर के घर से करोड़ों रुपए बरामद हुए थे.
ईडी पिछले दो दिनों से उनसे पूछताछ कर रही थी. मंगलवार को ईडी ने उनसे करीब नौ घंटे पूछताछ की थी, वहीं आज भी उनसे पूछताछ की जा रही थी
6 घंटे की पूछताछ के बाद मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने किया गिरफ्तार
Ranchi : ED ने झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम को 37 करोड़ कैशकांड में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया .गिरफ्तारी के बाद आलमगीर आलम की और कांग्रेस पार्टी की भी परेशानी बढ़ती नजर आ रही है ED आलमगीर आलम को रिमांड पर लेकर जहां लंबी पुछताछ की तैयारी कर रही है वहीं विपक्ष को लोकसभा चुनाव में बैठे- बैठे एक बड़ा मुद्दा मिल गया
, प्रधानमंत्री मोदी ग्रहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने झारखंड दौरे के दौरान लगातार हेमंत सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निशाने पर लिया आज झारखण्ड की सभा में असम के मुख्यमंत्री ने भी चुटकी लेते हुए कहा कि झारखंड में अब किस मंत्री की बारी झारखंड के सारे मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त है और भ्रष्टाचारियों को मोदी सरकार नहीं छोड़ेगी उन्होंने कहा कि जब मंत्री के PA के पास 37 करोड़ मिलते हैं तो फिर मंत्री के पास कितने पैसे होंगे
ज्ञात हो कि दूसरे दिन छह घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया. बुधवार को आलमगीर आलम 11.30 बजे ईडी ऑफिस पहुंचे थे.जिसके बाद ईडी उनसे पूछताछ शुरू कर दी. 35 करोड़ रूपया के बरामदगी के मामले में ईडी को आलमगीर आलम सही जवाब नहीं दे पाए. जिसके बाद उन्हें बुधवार की देर शाम ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से समन मिलने के बाद ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम बुधवार को दूसरे दिन ईडी ऑफिस पहुंचे थे.
इससे पहले मंगलवार को भी आलमगीर आलम दिन के 10:45 बजे हिनू स्थित इडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे थे. कागजी औपचारिकता पूरी करने के बाद ईडी के अधिकारियों ने उनसे उनके आप्त सचिव संजीव लाल और निजी सहायक जहांगीर के बारे में पूछताछ की थी. मंत्री आलमगीर आलम ने ईडी को कहा कि उन्हें निजी सहायक जहांगीर के पास करोड़ों रुपये होने की जानकारी नहीं थी. जहांगीर गलत कार्यों में लिप्त था, इसकी भी जानकारी नहीं थी. इसके अलावा विभाग में हो रही कमीशनखोरी के बारे में भी उन्हें नहीं पता.