झारखंड विधानसभा का परिणाम आ गए हैं। और गठबंधन पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। इस चुनाव में 65 प्लस का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी को करारी हार झेलनी पड़ी। हार के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास से अपनो इस्तीफा राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू को सौंप दिया और आगामी 27 दिसंबर को नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए 41 सीटें चाहिए, लेकिन गठबंधन ने 47 सीटें हासिल की हैं, जिसमें झारखंड मुक्ति मोर्चा को 30, कांग्रेस को 16 और आरजेडी को एक सीट मिली है, जबकि बीजेपी को 25 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। इस चुनाव वैसे तो सभी सीटें महत्वपूर्ण थीं, लेकिन 1० ऐसी हॉट सीटें थीं, जिस पर झारखंड की ही नहीं, बल्कि पूरे देश की नजर थी। सीएम रघुबर दास को जमशेदपुर पूर्वी सीट पर उन्हीं की सरकार में मंत्री रहे सरयू राय ने बगावत करते हुए चुनौती दी थी, जिसमें सरयू राय जीतने में सफल रहे। इसके साथ ही जेएमएम नेता और पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने बरहेट और दुमका दोनों ही सीट पर जीत दर्ज की है।
जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा सीट
जमशेदपुर पूर्व सीट चुनाव लड़ रहे बीजेपी प्रत्याशी मुख्यमंत्री रघुबर दास को बीजेपी के बागी सरयू राय के हाथों हार का सामना करना पड़ा है। रघुबर की हार के साथ ही झारखंड में सीएम के अपनी सीट गंवाने का मिथक कायम रहा। हर राउंड के साथ यहां दिलचस्प चुनावी जंग देखने को मिल रही थी। रघुवर दास को 15833 वोटों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। यहां बता दें कि बीजेपी ने सरयू राय का टिकट काटा तो उन्होंने बगावत करते हुए रघुबर के खिलाफ मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया था। वहीं, चर्चित कांग्रेस प्रवक्ता गौरव व“भतीसरे नंबर पर रहे।
बरहेट विधानसभा सीट
बरहेट सीट पर पूर्व सीएम और जेएमएम नेता हेमंत सोरेन ने 25740 वोटों से जीत दर्ज की है। हेमंत को जहां 73725 वोट मिले, वहीं बीजेपी कैंडिडेट सिमोन मालतो को 47985 वोट हासिल हुआ। पिछले विधानसभा चुनाव में दुमका में हार के बावजूद जेएमएम के पास यह गढ़ बरकरार रहा था। सोरेन को जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन की तरफ से सीएम फेस के रूप में चुनावी मैदान में थे। पीएम मोदी ने यहां बीजेपी कैंडिडेट सिमोन मालतो के लिए रैली की थी, लेकिन फिर भी बीजेपी प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा।
दुमका विधानसभा सीट
सोरेन परिवार का गढ़ मानी जाने वाली संथाल क्षेत्र की इस सीट पर हेमंत सोरेन ने कांटे की टक्कर में जीत का झंडा गाड़ दिया है। सोरेन का मुकाबला रघुबर सरकार में मंत्री लुइस मरांडी से था। सोरेन को 8०589 वोट हासिल हुए, जबकि मरांडी के खाते में 67571 वोट आए। इस हिसाब से सोरेन यहां से 13188 वोटों के अंतर से जीते। पिछली बार वह इस सीट से हार गए थे। लोकसभा चुनाव में जेएमएम चीफ शिबू सोरेन भी दुमका से हार गए थे।
धनवार विधानसभा सीट
धनवार सीट पर आदिवासी नेता और झारखंड विकास पार्टी (जेवीएम) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने 17550 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की। उनका मुकाबला बीजेपी के लक्ष्मण प्रसाद सिह से था। पिछला चुनाव मरांडी यहां से हार गए थे। ऐसे में, उनकी जीत-हार पर पार्टी का विषय टिका था।
डालटनगंज विधानसभा सीट
डालटनगंज सीट पर कांग्रेस के चर्चित कैंडिडेट केएन त्रिपाठी पर बीजेपी के आलोक चौरसिया ने शुरूआत में पिछड़ने के बाद आखिर 21517 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। पहले चरण के मतदान के दौरान इस सीट पर काफी बवाल हुआ था। बीजेपी कैंडिडेट आलोक चौरसिया के समर्थकों से झड़प के दौरान कांग्रेस कैंडिडेट केएन त्रिपाठी ने यहां एक पोलिग बूथ पर पिस्तौल लहराई थी, जिस पर चुनाव आयोग ने रिपोर्ट तलब की है। पिछले चुनाव में यहां से बीजेपी के आलोक चौरसिया जीते थे।
झरिया विधानसभा सीट
यह सीट धनबाद के चर्चित सिह मेंशन के बाहुबली सूर्यदेव सिह की पारिवारिक जंग की वजह से हॉट सीटों में से एक थी। यहां से कांग्रेस कैंडिडेट पूर्णिमा सिह ने 12054 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। उन्होंने सूर्यदेव सिह की बहू बीजेपी कैंडिडेट रागिनी सिह को हरा दिया। पूर्णिमा सिह सूर्यदेव सिह के भभाई राजनारायण सिह की बहू हैं। पिछले चुनाव में रागिनी के पति संजीव और पूर्णिमा के पति नीरज आमने-सामने थे, जिसमें संजीव को जीत मिली थी। कुछ महीने बाद नीरज की हत्या से पारिवारिक विवाद चरम पर पहुंच गया।
चक्रधरपुर विधानसभा सीट
बीजेपी को इस सीट पर बड़ा झटका लगा है। यहां जेएमएम कैंडिडेट सुखराम उरांव ने 12234 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। उन्होंने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा को हराया है। यह सीट चुनावों में काफी चर्चित रही। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यहां रैली में कई बार राम मंदिर का जिक्र किया था। जेएमएम ने यहां शशिभूषण सामद का टिकट काटकर सुखराम उरांव को टिकट दिया तो सामद बागी हो गए, लेकिन उरांव इस सीट को निकालने में सफल रहे।
रांची विधानसभा सीट
रांची सीट पर रघुबार दास सरकार में मंत्री चन्द्रेश्वर प्रसाद सिह जेएमएम की महुआ माजी से 59०4 वोटों से जीत गए। चन्द्रेश्वर प्रसाद सिह लगातार इस सीट से जीतते रहे हैं। शुरूआती राउंड में उनकी बढ़त का मार्जिन 2० हजार से अधिक था, लेकिन बीच में उन्हें महुआ माजी ने पीछे छोड़ दिया था। रांची सीट पर इस बार कम वोटिग हुई थी। झारखंड चुनाव में करारी हार के बावजूद बीजेपी ने एक बार फिर अपना किला बरकरार रखा है।
सि“ी विधानसभा सीट
सि“ी सीट इस चुनाव की हॉट सीटों में से थी। ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन पार्टी (एजेएसयू) के अध्यक्ष सुदेश महतो ने यह सीट जेएमएम की सीमा देवी से 2०195 सीटों के अंतर जीत ली। एजेएसयू पार्टी ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर अकेले चुनाव लड़ा था। पिछले चुनाव और उपचुनाव में वह यहां से हार गए थे, हालांकि पहले वह इस सीट से लगातार जीतते रहे हैं। ऐस में, उनके राजनीतिक करियर के लिए नतीजा काफी अहम था।
मांडू विधानसभा सीट
मांडू सीट पर तीन भाइयों की टक्कर पर हर किसी की नजर टिकी थी। यहां से बीजेपी के जयप्रकाश भाई पटेल ने एजेएसयू पार्टी के निर्मल महतो को 2०62 वोटों के अंतर हरा दिया है। चुनाव के ऐलान के बाद जयप्रकाश भाई पटेल ने जेएमएम छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। वहीं, बड़े भाई रामप्रकाश भाई पटेल ने जेएमएम जॉइन कर ली। चचेरे भाई चंद्रनाथ भाई पटेल को जेवीएम ने प्रत्याशी बनाया था।