*कोल्हान की अधिकांश सीटों पर जमकर हुआ भीतरघात, बड़े-बड़े नाम जद में*
– *चुनाव परिणामों का किया जा रहा इंतजार, उसके बाद होगा एक्शन*
*देवानंद सिंह*
*जमशेदपुर :* प्रदेश में चुनावों की गहमागहमी के बाद अब चुनाव परिणामों को लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन शनिवार को इन कयासों पर भी परिणाम आने के साथ ही विराम लग जाएगा, परिणाम भले ही किसी के पक्ष में जाए, लेकिन इन विधानसभा चुनावों में जमकर भीतरघात हुआ है। यह भीतरघात केवल कोल्हान की 14 सीटों में ही नहीं हुआ, बल्कि प्रदेश की अधिकांश सीटों पर हुआ है, जिसका खुलासा परिणाम के बाद होगा। इस जद में कई बड़े नाम भी आने वाले हैं, बस अभी चुनाव परिणाम घोषित होने भर का इंतजार किया जा रहा है, उसके बाद उन चेहरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है, जो इस खेल में शामिल रहे।
झारखंड में सत्ता की चाबी कोल्हान से ही निकलती है, अब सब की नजर चुनाव परिणाम पर है। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को झामुमो के किले को ध्वस्त करने की जिम्मेदारी थी, जबकि झामुमो ने कोल्हान के किले को बचाने की भरपूर कोशिश की। एग्जिट पोल ने सबका सस्पेंस को बढ़ा दिया है।
पूरे कोल्हान में इस बार भीतरघात जमकर हुआ और सभी प्रत्याशियों ने भितरघातियों की पहचान भी कर ली है और सूत्रों की मानें तो परिणाम आने के बाद भाजपा और कांग्रेस के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इस बार बड़ी कार्रवाई करने के मूड में है। जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिम विधानसभा में भितरघातियों ने खूब खेल खेला है। जुगसलाई विधानसभा भी इससे अछूता नहीं रहा, पोटका विधानसभा में भाजपा ने डैमेज कंट्रोल करने में सफलता पाई है। उसके बाद से ही झामुमो के माथे पर पसीना आने लगा है। घाटशिला विधानसभा में रामदास सोरेन ने बारीकी से सभी को साधने का प्रयास किया है, जबकि सूत्रों की मानें तो भाजपा अपने कैडर को एक करने में विफल रही है। बहरागोड़ा विधानसभा में भाजपा और झामुमो के बीच सीधा मुकाबला है। ईचागढ़ विधानसभा के चर्चा पर गौर करें तो एनडीए ईडी गठबंधन की लड़ाई में अरविंद सिंह अच्छी स्थिति में आ गए हैं,
हालांकि चर्चा यह भी है कि अरविंद सिंह को टिकट नहीं मिलना कोल्हान में राजग गठबंधन के लिए शुभ संकेत नहीं साबित होंगे, इसका असर सरायकेला विधानसभा यानी पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के परिणाम पर भी पड़ सकते हैं। जगन्नाथपुर विधानसभा से आ रही खबरों पर अगर विश्वास करें तो वहां भी भीतरघात हुआ है। दोनों दलों में कोल्हान के परिणाम में वही राजनीतिक दल बाजी मारेगी, जो राजनीतिक दल अंतिम समय में डैमेज कंट्रोल करने में सफल रहा। जमशेदपुर पूर्वी और पश्चिम विधानसभा में तो दोनों राष्ट्रीय दल के नेताओं के चेहरे बेनकाब हुए हैं।
बहरहाल, प्रत्याशियों ने परिणाम की चिंता के साथ-साथ भितरघातियों से भी निपटने की पूरी तैयारी कर रखी है।