डॉक्टर संजय पंकज की गरिमामयी उपस्थिति में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की जमशेदपुर इकाई की बैठक
अखिल भारतीय साहित्य परिषद की जमशेदपुर इकाई की बैठक संस्था के डॉक्टर संजय पंकज की गरिमामयी उपस्थिति में आदित्यपुर में कवि संतोष कुमार चौबे के आवास पर आयोजित की गई।
इस अवसर पर डॉक्टर संजय पंकज जी ने रचनाकारों को रचना धर्मिता और राष्ट्र के प्रति उनके उत्तरदायित्व का भान कराते हुए लेखन को जारी रखने का आहवाह्न किया।
उन्होंने कहा कि लेखक और कवि का सबसे पहला कर्तव्य यह है कि वे मातृभूमि, मातृभाषा और राष्ट्र गौरव को समृद्ध करने का काम करें ।
इस बैठक में संस्था की संरक्षिका समाजसेवी मंजू ठाकुर ने कहा कि आज अखिल भारतीय साहित्य परिषद जमशेदपुर इकाई एक वृहद परिवार में परिवर्तित हो चुकी है। हम कलम कारों का यह धर्म होना चाहिए कि हम समाज में सकारात्मक विचारों का साथ दें और नकारात्मक सोच वालों की मानसिकता के खिलाफ खड़े हों।
साथ ही इस बात पर भी सबों ने सहमति जताई कि एक रचनाकार समाज का चेहरा होता है इसीलिए उसे अपने वक्तव्य में सावधानी और सजगता रखने की जरूरत है । हमें शब्दों और विचारों की मर्यादा का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
इस बैठक में संस्था के अंतर्गत आने वाली साहित्यिक पत्रिका के बारे में भी विचार विमर्श किया गया और आलेख संग्रह के साथ-साथ विभिन्न विषयों पर भी बात की गई ।
बैठक में दिवंगत साहित्यकार और संस्कृति प्रेमी स्वर्गीय मृदुला सिन्हा जी को भी श्रद्धांजलि दी गई । डॉक्टर संजय पंकज ने कहा कि वे बहुमुखी प्रतिभा की धनी थी और इस राष्ट्र के लिए गौरव थी। कई क्षेत्रों में उन्होंने अपनी सुदृढ़ उपस्थिति दर्ज कराई थी ।उनके जाने से जो
कोना खाली हो गया है उसे भरना असंभव जान पड़ता है।
बैठक का संचालन कवि दीपक वर्मा दीप ने किया और धन्यवाद ज्ञापन कवि संतोष कुमार चौबे ने दिया।
इस बैठक में जयंत श्रीवास्तव ,प्रकाश मेहता ,
डाॅ अनीता शर्मा ,डाॅ कल्याणी कबीर,सोनी सुगंधा, ममता सिंह, बालकृष्ण मिश्रा, मामचंद अग्रवाल,
कुमार बसंत, राजेंद्र सिंह भी उपस्थित थे। आज की बैठक में पाँच नये सदस्य
राजमंगल पाण्डेय ,
डाॅ अरूण कुमार शर्मा ,
सरिता सिंह,
बिनोद बेगाना और
सुखबीर कौर भी शामिल हुए।