जननायक के रूप में उभरे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता
अनुबंधित कर्मचारियों ने मंत्री पर भरोसा कर हड़ताल वापस ली
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए किए जा रहे सरकारी प्रयास ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है| रविवार को राज्य स्तर पर करोना संक्रमण के मिले मामलों में कमी देखी गई है , स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को जितने संक्रमित लोग आएं उससे अधिक लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को लौटे| उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक 600 से अधिक लोग राज्य स्तर पर स्वस्थ होकर अपने घर को लौटे. सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक कोरोना काल के महामारी में पिछले 1 सप्ताह में झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, पूरे झारखंड में आज प्रतिदिन 1000 लोगों के सैंपल जांच किए जा रहे हैं ,सरकार की ओर से राज्य स्तर पर कई क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए हैं| सरकारी अस्पतालों के अलावे निजी अस्पतालों को भी कोरोना संक्रमण से निपटने में सक्रिय किया गया है अहम बात यह है कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता स्वयं अपने को खतरे में डालकर निरीक्षण के लिए निकल रहे हैं |अगर वे जमशेदपुर प्रवास में रहे तो सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी क्लीनिक ऊपर भी उन्होंने धावे बोले उन होटलों और क्वारंटाइन सेंटरों का भी उन्होंने औचक निरीक्षण किया और वहां काम कर रहे हैं स्टाफ और प्रबंधन को भी आवश्यक निर्देश दिए | हालांकि उन्होंने यहां तक भी कहा है कि मरीजों की सही और संतुलित चिकित्सा नहीं हुई तो वैसे अस्पताल और नर्सिंग होम पर गाज गिर सकती है इस दौरान सबसे महत्वपूर्ण कार्य स्वास्थ्य मंत्री की ओर से जो किया गया है वह राज्य के अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल समझौते के बाद वापस कराया जाना रहा |झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मियों की हड़ताल स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जी के द्वारा त्रिपक्षीय वार्ता के बाद समाप्त करवाया गया .मंत्री की जनता में विश्वसनीयता ही काम आई जो यह बताता है कि माननीय मंत्री पर जनता का कितना भरोसा है 31 जुलाई से 2 अगस्त तक चले विशेष कोरोना जांच अभियान में 45 हजार 531 जांच के सैंपल लिए गए जिसमें से 46634 की जांच की गई और 837 सैंपल पेंडिंग रहे इस स्पेशल टेस्टिंग ड्राइव में 2394 पॉजीटिव केस मिले इस दौरान आरटी पीसीआर मशीन से 186 83 टूनेट से 6321 रैपिड एंटी टेस्ट से 22527 सैंपल लिए गए स्वास्थ्य मंत्री ने सरकारी व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले लोगों को माकूल जवाब देकर बता दिया है कि कोरोना काल में सरकारी व्यवस्था ही कोरोना से जंग लड़ने में असर कारक रही है जब भय के कारण प्राइवेट अस्पतालों के दरवाजे बंद थे तो रिम्स एमजीएम टीएमसीएच समेत अन्य सरकारी अस्पतालों ने मोर्चा संभाला और कोरोना संक्रमितों की चिकित्सा की उन्हें स्वस्थ बनाया.
जहां तक पूर्वी सिंहभूम जिले की बात है तो 7 अगस्त 2020 तक 24 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. कुल संक्रमित लोगों में से 850 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं.1508 एक्टिव केस हैं साथ ही 49 लोगों की मृत्यु हुई है इसके अलावा 13067 लोग क्वारंटाइन में रखे गए हैं जिसका सारा खर्च सरकार और सरकार से जुड़ी मशीनरी उठा रही हैं. जिले से मिले आंकड़ों के मुताबिक 1 सप्ताह में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए 3000 नए बेड की व्यवस्था की गई इनमें से जेआरडी स्पोर्ट्स कंपलेक्स, डीबीएमएस स्कूल, प्रोफेशनल कॉलेज सिदगोड़ा को आइसोलेशन वार्ड के रूप में चयनित किया गया। इतना ही नहीं सरकार और मंत्री के द्वारा प्राइवेट हॉस्पिटलों को संक्रमितों का इलाज नहीं करने पर कठोर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई, सामाजिक संस्थाओं से अनुरोध किया गया कि वह लोग मरीजों के इलाज की व्यवस्था के लिए आगे आए और सहयोग करें ताकि जनमानस की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इस मौके पर जमशेदपुर प्रवास पर पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने राष्ट्रसंवाद से बातचीत करते हुए कहा कि ऐसे भीषण महामारी के मौके पर राजनीति करने के बजाय राजनीतिक पार्टियों के लोगों को सामाजिक चेतना और मानवता के लिहाज के हिसाब से काम करना चाहिए सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए सरकार के सहयोग की जरूरत है । महामारी के इस भीषण दौर में मानवता और जान-माल की रक्षा सबसे महत्वपूर्ण है बातचीत के दौरान मंत्री ने कहा की 29 जुलाई 2020 को माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पलामू मेडिकल कॉलेज में नवनिर्मित वायरोलॉजी एवं कोविड-19 प्रयोगशाला का ऑनलाइन उद्घाटन किया। जिसकी वजह से कोरोना की टेस्टिंग की रफ्तार में तेजी आई है ,और ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच हो पा रही है और काफी कम समय में रिपोर्ट भी आ रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने मुख्यमंत्री की सकारात्मक पहल की काफी सराहना की. उन्होंने बताया कि 28 जुलाई 2020 से रिम्स में और फिलहाल टीएमएच में प्लाजमा थेरेपी से इलाज शुरू किया जा चुका है और उम्मीद है कि जल्द ही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या घटेगी और वे जल्द स्वस्थ होंगे सरकार कोरोना मुक्त राज्य की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने बताया कि अगर कोरोना महामारी ने आघात नहीं किया होता तो वे एमजीएम हॉस्पिटल को एक बेहतर हॉस्पिटल के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रहे थे. इस दिशा में लगातार काम भी कर रहे थे लेकिन संजोग से कोरोना से निपटने में सरकार का सारा ध्यान चला गया।
विभागीय ट्रांसफर पोस्टिंग टालकर मंत्री ने दिखाई ईमानदारी
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के कार्यों की महकमे में काफी सराहना हो रही है, दरअसल पिछले 20 वर्षों का इतिहास उन्होंने पलट कर रख दिया है क्योंकि 2 माह पहले विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग की स्थिति बनी थी लेकिन कोरोना संक्रमित देखते हुए उन्होंने फिलहाल ट्रांसफर पोस्टिंग को टाल दिया है मंत्री का अस्पष्ट कहना था कि ट्रांसफर पोस्टिंग से कोरोना संक्रमण से निपटने में बुरा असर पड़ सकता है जो जनहित के लिए कभी भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है ।उन्होंने विभाग के कई पदाधिकारियों के तबादले को अगले आदेश तक के लिए रोक दिया है ,राष्ट्रसंवाद से बातचीत के दौरान मंत्री ने कहा मैं और सरकार यह चाहती है कि कोरोनावायरस से निपटने में कहीं भी चूक ना हो एक छोटी सी चूक भी मानव हित के लिए पुष्कर साबित हो सकती है।
विभाग की गोपनीयता भंग करने वालों पर होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री विभागीय अधिकारियों से इस बात को लेकर नाखुश दिखे कि विभाग की गोपनीयता कुछ लोग तंग कर रहे हैं ।गोपनीय बातें भी प्रेस को मिल रही है और अखबारों में छप रहा है जो विभाग के लिए हितकारी नहीं हो सकता है ,मंत्री ने ऐसे विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को सावधान किया कि अगर जांच में ऐसे लोगों के खिलाफ सबूत मिलेंगे तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है ।मंत्री ने कहा कि वे जांच अपने स्तर से करवाएंगे और ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों का पता लगाएंगे जो विभाग की गोपनीय सूचनाओं को लिख कर रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री की विश्वसनीयता से अनुबंधित कर्मचारियों ने हड़ताल तोड़ी
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की पहल पर स्वास्थ्य विभाग के अनुबंधित कर्मचारियों ने 3 दिनों से चली आ रही अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को आज वापस ले लिया है । स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मचारियों से अपील की थी कि उनकी मांगों पर सकारात्मक विचार किया जाएगा और बहुत जल्द एक कमेटी बैठा कर रिपोर्ट मांगी जाएगी ,रिपोर्ट मिलने के बाद कर्मचारियों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाएगा ।स्वास्थ्य मंत्री के इस आशा अनुकूल पहल पर कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल वापस ले ली है .इसके पहले
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मुख्य सचिव,मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव,स्वास्थ्य सचिव के साथ प्रोजेक्ट भवन में हुए एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुए वार्ता के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए कहा कि परिवार का एक सदस्य रूठ जाता है तो उसे मना लिया जाता है. उन्होंने कहा कि पारा मेडिकलकर्मियों ने सरकार के आग्रह पर हड़ताल को समाप्त कर लिया है, इसके लिए इनको धन्यवाद. उन्होंने कहा कि इनकी मांगों पर सकारात्मक पहल की जायेगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि अभी कोरोना का समय है,कोरोना संक्रमण के बाद मिल जुलकर आपस में बैठक जो भी समस्याएं है उसे सुलझा लिया जायेगा।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सुबह से ही इस हड़ताल को खत्म कराने के लिए प्रयासरत थे, सुबह स्वास्थ्य कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल उनके आवास पर मिला और अपनी बातों को रखा फिर स्वास्थ्य सचिव से वार्ता हुई।
फिर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के पहल पर मुख्यमंत्री के साथ एक बैठकमहत्वपूर्ण में इनके मांगों पर निर्णय गया ।