गुजरात: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल का बड़ा फैसला, 13 साल बाद राज्य में एक साथ पांच नगर निगमों को मंजूरी
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में एक साथ कई सारी नगर पालिकाओं को नगर निगम निगम बनाने का फैसला किया है।गुजरात की भूपेंद्र पटेल सरकार ने एक बड़े फैसले में राज्य में पांच नए निगमों को मंजूरी प्रदान की है। कैबिनेट की बैठक में नवसारी, गांधीधाम, सुरेंद्र नगर, वापी और मोरबी को नगर निगम को बनाने पर सैद्वांतिक मुहर लगा दी है। अभी ये सभी नगर पालिकाएं हैं। इन पांच नए नगर निगमों के बाद राज्य में कुल नगर निगमों की संख्या बढ़कर 13 पहुंच जाएगी। इन सभी नगर पालिकाओं की कुल आबादी 3 लाख से अधिक है।कैबिनेट की सैद्वांतिक मंजूरी के बाद अगले कुछ दिनों में जरूरी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद शहरी विभाग इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी करेगा। सरकार से जुड़े सूत्रों के अनुसार ऐसी संभावना है कि इन पांच नई नगर पालिकाओं के पास के गांवों को भी निगम निगम के दायरे में शामिल किए जाएगा। इसके बाद पांच आईएएस को बतौर निगम आयुक्त तैनात किया जाएगा, ताकि इन नए निगमों के विकास कार्य में तेजी आए।
13 साल बाद पांच नए नगर निगम
राज्य सरकार ने 13 साल के लंबे अंतराल के बाद नए नगर निगमों को मंजूरी प्रदान की है। गांधीनगर नगर निगम को 2010 में स्वीकृति दी गई थी। इसके बाद राज्य में कुल नगर निगमों की संख्या बढ़कर 8 हो गई थी। अब 13 साल बाद सरकार ने पांच और नगर पालिकाओं को नगर निगम बनाने का फैसला किया है। इसके बाद कुल नगर निगमों की संख्या अब 13 हो गई है। राज्य में 13 निगम आयुक्त और 13 ही मेयर होंगे।
12-13 पालिकाएं और कतार में
राज्य सरकार के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार इन नवसारी, गांधीधाम, सुरेंद्र नगर, वापी और मोरबी के अलावा 12 से 13 नगर पालिकाओं ने नगर निगम बनने के योग्यता दिखाई है कि उनका स्टेटस भी नगर निगम का होना चाहिए। इस संबंध में निर्णया आने वाले समय में लिया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि हाल ही में केवडिया में हुए चिंतिन शिविर में भी तीन लाख से ज्यादा आबादी वाली नगर पालिकाओं को नगर निगम का दर्जा देने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने इसे कैबिनेट में रखा। जिसमें पांच नगर पालिकाओं को निगम बनाने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई।
नए निगमों को मिलेगा फंड
राज्य में अभी तक कुल आठ नगर निगम थे। इनमें अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट, जामनगर, भावनगर, जूनागढ़ और गांधीनगर शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने नए निगमों को अधिक फंड जुटाने के मकसद से स्वीकृति प्रदान की है, ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर को और बेहतर बनाया जा सके। इतना ही नहीं हर साल इन नए निगमों को मुख्यमंत्री शहरी विकास कार्यक्रम से एक निश्चित धनराशि बजट के तौर पर दी जाएगी।