नई दिल्ली। भारत की स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष में, बुनियादी ढांचे के विकास पर निरंतर ध्यान देने के साथ, भारत सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के अपने केंद्रीय बजट में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के लिए पूंजीगत परिव्यय को रिकॉर्ड 40 प्रतिशत बढ़ाकर वित्त वर्ष 2021-22 में 2,500 करोड़ रुपये की तुलना में 3,500 करोड़ रुपये कर दिया है।
बता दें कि वर्ष 2021 में बीआरओ ने बहुत अधिक ऊंचाई पर और चरम मौसमी स्थिति में उग्र होती महामारी के बीच रिकॉर्ड संख्या में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को अंजाम दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा वर्ष 2021 में देश के उत्तर-पश्चिमी और पूर्वी राज्यों में विभिन्न स्थानों पर 102 सड़कों और पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया गया था, इसमें उमलिंग ला में 19,024 फीट पर दुनिया की सबसे ऊंची वाहन चलाने योग्य सड़क शामिल है।
बढ़ा हुआ बजटीय आवंटन सीमा क्षेत्र के विकास पर ध्यान केंद्रित करने के सरकार के संकल्प की पुष्टि है। बीआरओ दूर-दराज के इलाकों से संपर्क बढ़ाने की अपनी निरंतर प्रतिबद्धता के साथ, इलाके और मौसम की स्थिति के बावजूद, न केवल अभियानगत तैयारियों को बढ़ाने में योगदान दे रहा है बल्कि क्षेत्रों के सामाजिक-आर्थिक एकीकरण और विकास की दिशा में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस बजटीय प्रोत्साहन से बीआरओ को पुलों, सड़कों और सुरंगों के निर्माण में मदद मिलेगी, जिससे सामरिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सशस्त्र बलों को तेजी से जुटाने में सहायता मिलेगी, जिससे सुरक्षा वातावरण और भी मजबूत होगा। यह विशेष रूप से लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम राज्यों के सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों के समग्र आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा।
सरकार ने सीमा सड़क संगठन के पूंजी बजट में की 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी
Previous Articleहेडलाइंस राष्ट्र संवाद
Next Article हिंद महासागर कि बढ़ती गर्मी मानसून पर डाल रही है असर