मलेरिया मुक्त समाज के निर्माण में अपनी सहभागिता दें :गाज़ी रहमतुल्लाह रहमत
25 अप्रैल को मलेरिया मुक्त दिवस पर विशेष
संवाददाता
जामताड़ा: मलेरिया प्लाज्मोडियम परजीवी के कारण होने वाला एक जानलेवा रक्त रोग है। भारत को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए सरकार ने योजनाएं बनाई हैं और उसके अनुरूप जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है लेकिन हम देशवासियों का भी यह फर्ज है कि मलेरिया मुक्त समाज के निर्माण में अपनी सहभागिता दें ताकि इस जानलेवा बीमारी से लोगों को बचाया जा सके । उक्त बातें द सोसाइटी ऑफ होम्योपैथ्स के कन्वेनर गाज़ी रहमतुल्लाह रहमत ने कही। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल लगभग 18 लाख लोगों को मलेरिया की बीमारी से जूझना पड़ता है। पूरी दुनिया में मलेरिया से प्रभावित देशों में से 80% केस भारत, इथियोपिया पाकिस्तान और इंडोनेशिया के होते हैं ।भारत की बात करें तो उड़ीसा, छत्तीसगढ़, झारखंड मध्य प्रदेश ,महाराष्ट्र , त्रिपुरा और मेघालय जैसे राज्यों में मलेरिया के सबसे ज्यादा मामले सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार मलेरिया के टाइप प्लाज्मोडियम विवेक्स में पूरी दुनिया में 80% मामले ज्यादातर तीन देशों में सामने आते हैं जिसमें भारत भी शामिल है। गौरतलब है कि भारत ने 2027 तक मलेरिया मुक्त होने और 2030 तक इस बीमारी को समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस मिशन को कामयाब करने के लिए मलेरिया के मामलों का पता लगाने और एक बड़ा जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर हमें प्रण लेने की जरूरत है कि हम मलेरिया मुक्त समाज के निर्माण में सरकार के साथ-साथ अपनी भी सहभागिता दें । गाज़ी रहमत ने कहा कि यूं तो पांचों प्रकार के मलेरिया से बचने की जरूरत है लेकिन प्लाज्मोडियम फैल्सीपैरम व प्लाज्मोडियम विवैक्स मलेरिया से विशेष रूप से बचना है । उन्होंने कहा इससे बचने के लिए मच्छरों को घर के अंदर या बाहर पनपने से रोकें तथा अपने आसपास सफाई पर ध्यान दें, ठहरे हुए पानी में मच्छर ना पनपे इसके लिए बारिश शुरू होने से पहले ही घर के पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे आदि भरवा लें, घर के हर कोने पर समय-समय पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करवाते रहें तथा बारिश के मौसम में मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें और खिड़कियों में जालियां डलवा लें। उन्होंने कहा कि मलेरिया का इलाज सही समय पर ना होने से यह जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए जैसे ही इसके लक्षण प्रतीत होने लगे ( अर्थात् चक्कर आना,सांस फूलना,बुखार होना,सर्दी लगना,उबकाई आना,उल्टी आना, जुकाम होना,गंभीर मामलों में बेहोशी आना आदि ) तो तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचकर चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए । उन्होंने कहा कि होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में भी मलेरिया से निजात पाने के लिए प्रीवेंटिव एवं क्यूरेटिव दवा मौजूद है , लोगों को चाहिए कि प्रशिक्षित तथा अनुभवी होम्योपैथिक चिकित्सक एवं निबंधित होम्योपैथिक क्लिनिक से संपर्क कर स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करें और समाज को मलेरिया मुक्त बनाएं।