गढ़वा : जिले के कांडी प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सतबहिनी झरना तीर्थ में समिति एवं आम जनों की बैठक में झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड की निष्पक्ष कार्रवाई के लिए बधाई दी गई है। इस दौरान मां सतबहिनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति के अध्यक्ष नरेश प्रसाद सिंह एवं अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में आम जनों की बैठक की गई। इस दौरान लोगों को जानकारी दी गई कि पूर्व मंत्री एवं स्थानीय विधायक के द्वारा फर्जी तरीके से सतबहिनी में ट्रस्ट का गठन कर कब्जा जमा लिया गया था।
इस मामले को लेकर मां सतबहनी झरना तीर्थ एवं पर्यटन स्थल विकास समिति ने 2017 में ही झारखंड उच्च न्यायालय में मामला दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई एवं साक्ष्यों के आधार पर 22 फरवरी 2023 को उच्च न्यायालय ने फर्जी ट्रस्ट को निरस्त करते हुए झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड को आधिकारिक स्तर पर इस स्थल का संचालन एवं आम सभा करके समिति के गठन का आदेश दिया गया था। इसके आलोक में धार्मिक न्यास ट्रस्ट के द्वारा स्थल पर आकर मामले की जांच की गई। इसके बाद आमसभा का आदेश दिया गया। जिसमें दोनों पक्षों की उपस्थिति को अनिवार्य बताते हुए सूचना दी गई। बावजूद इसके ट्रस्ट के अध्यक्ष या उनका कोई प्रतिनिधि आम सभा में उपस्थित नहीं हुआ। भारी वर्षा के बावजूद हजारों की संख्या में उपस्थित ग्रामीणों ने एक स्वर से कहा कि दशकों से नरेश प्रसाद सिंह ने सतबहिनी के विकास में अपना अहम योगदान दिया है। इसलिए उनकी अध्यक्षता में ही समिति को बहाल कर इस स्थल की देखरेख एवं विकास की जिम्मेदारी दी जाए।
आमसभा में उपस्थित धार्मिक न्यास ट्रस्ट के सदस्य ने इसका रिपोर्ट बोर्ड को दिया। बोर्ड ने नरेश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में पुरानी समिति को फिर से बहाल करने का आदेश निर्गत किया। इसे देखते हुए सतबहिनी विकास समिति एवं आम जनों के द्वारा झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया गया है। लोगों ने कहा कि इससे एक बार फिर यह स्थापित हो गया है कि कानून का उल्लंघन करके किसी की मनमानी ज्यादा दिन नहीं चल सकती। चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों ना हो। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष समाजसेवी नरेश प्रसाद सिंह, उपसचिव सुदर्शन तिवारी, अंकेक्षक नंदलाल दुबे, कोषाध्यक्ष अशर्फी सिंह, अखिलेश कुमार सिंह, डॉक्टर प्रमोद कुमार सिंह, प्रमोद उपाध्याय, डॉ अवधेश कुमार गुप्ता, सुखदेव शाह, उपेंद्रनाथ तिवारी, शंभू नाथ सिंह, गोरखनाथ सिंह, लाला पांडेय, रघुनंदन राम सहित कई लोग उपस्थित थे।