लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एग्जिट पोल में बीजेपी के बहुमत से जीतने की बात सामने आने से यूपी का सियासी माहौल एक बार फिर गरमा गया है। समाजवादी पार्टी में इसकी खीज साफतौर पर दिखी जा रही है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर मतगणना में धांधली करने के आरोप लगाए हैं। उनका आरोप है कि वाराणसी में ईवीएम पकड़ी गई है, जो नतीजों से पहले चोरी की साजिश है। बकायदा, अखिलेश ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर इस तरह का दावा किया। अखिलेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि सीएम के सबसे बड़े अधिकारी, प्रमुख सचिव का जगह-जगह फोन जा रहा है कि जहां बीजेपी हारे वहां वहां काउंटिग स्लो (वोटों की गिनती धीरे) कीजिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बनारस में ईवीएम ले जाई जा रही थी। एक ट्रक पकड़ा गया, दो ट्रक लेकर भाग गए। उधर, अखिलेश के इस तरह के दावे के बाद बीजेपी की तरफ से भी बयान आया है। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अखिलेश के आरोप तथ्यहीन हैं। वह ऐसी बयानबाजी इसीलिए कर रहे हैं, क्योंकि वह हताश हैं। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव का बयान माहौल को खराब करने की कोशिश है। किसी अधिकारी और आयोग पर आरोप लगाना शोभा नहीं देता है। परिवारवाद की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव भाजपा लोकतंत्र की रक्षक है, परिवारवाद से बचाने की रक्षक है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि अखिलेश ने यह बयान अपनी बौखलाहट और घबराहट में दिया है। इस मामले में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और यूपी के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का भी बयान सामने आया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि वोटिंग के दौरान ही अखिलेश यादव ये समझ गए थे कि लोग सपा को लेकर गंभीर नहीं हैं। उनकी पहली लिस्ट में जेल-बेल वाले ज्यादा लोग थे। उन्होंने कहा, 10 मार्च को अखिलेश जी कहेंगे ईवीएम बेवफा है, उन्होंने इसका इंतज़ार भी नहीं किया। उन्होंने ये बात 8 मार्च को ही कह दी।
कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि मैं समाजवादी पार्टी पर कोई बयान नहीं देना चाहता, उनकी ओर से ऐसे बयान आते रहते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। 10 मार्च को बीजेपी सत्ता पर काबिज़ होने जा रही है, 300 सीटें पार करेंगे। उन्होंने कहा, यूपी की जनता ने समाजवादी पार्टी के उपद्रव को देखा है, इसीलिए उसे नकारा है।