दिल्ली अध्यादेश बिल राज्यसभा में पेश, कांग्रेस बोली- दिल्ली में सुपर CM चाहती है केंद्र सरकार
दिल्ली में सेवाओं के अधिकार संबंधी बिल लोकसभा से पास होने के बाद आज राज्यसभा में पेश कर दिया गया। बिल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया। बिल को पेश करते समय विपक्ष के नेताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। वहीं, कांग्रेस ने इस बिल का विरोध करने के साथ ही केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है।
अमित शाह ने पेश किया बिल
दिल्ली में अधिकारियों के सेवाओं और ट्रांसफर, पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक (दिल्ली सेवा बिल) गुरुवार को लोकसभा से पारित हो गया था। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज दोपहर करीब 2 बजे के करीब राज्यसभा में इस बिल को पेश किया। सूत्रों के मुताबिक ये बिल आज ही चर्चा होने के बाद राज्यसभा से भी पास हो जाएगा।
दिल्ली में सुपर CM चाहती है केंद्र सरकार- कांग्रेस
राज्यसभा में जब केंद्रीय गृहमंत्री बिल पेश कर रहे थे। उस वक्त विपक्ष के साथ ही कांग्रेस ने जमकर विरोध किया। कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि केंद्र सरकार पूरे देश पर अपना कब्जा चाहती है। वह हर सरकारी संस्था पर हमला कर रही है। दिल्ली अध्यादेश संघीय ढांचे पर हमला है। एक तरह से कहे तो केंद्र सरकार बिल के सहारे दिल्ली में सुपर CM चाहती है।
राज्यसभा में बिल को पास होने के लिए कितने वोटों की दरकार?
राज्यसभा में इस समय कुल सांसद 238 हैं। बहुजन समाज पार्टी का इस समय राज्यसभा में 1 सांसद है। खबर है कि बसपा वोटिंग के समय बिल का बायकॉट कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो सदन में कुल 237 सांसद मौजूद रहेंगे। ऐसे में0 सरकार को बहुमत के लिए 119 सांसदों की जरूरत पड़ेगी। सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर आज सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है। दिल्ली अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को 26 INDIA गठबंधन के नेताओं और सांसदों का समर्थन प्राप्त है।