नई दिल्ली. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी नेता व दिल्ली सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्येन्द्र जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितंबर तक के लिए स्थगित कर दी. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने जैन की अंतरिम जमानत 25 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी.
दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जस्टिस एएस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ से मामले को स्थगित करने का अनुरोध किया. राजू ने कहा कि जैन की दी गई अंतरिम जमानत बढ़ाई जा सकती है. जैन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने एएसजी के अनुरोध पर कोई आपत्ति नहीं जताई. जिसके बाद पीठ ने सुनवाई 25 सितंबर के लिए स्थगित करते हुए जैन की अंतरिम जमानत उस तारीख तक के लिए बढ़ा दीं. इसके अलावा पीठ ने सह आरोपी अंकुश जैन को मेडिकल आधार पर चार सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी.
आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई से सुको का इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नाबालिग से दुष्कर्म के एक मामले (2013) में दोषी ठहराए गए आसाराम बापू की जमानत याचिका पर विचार करने से इन्कार कर दिया. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि अगर ट्रायल कोर्ट की ओर से दी गई सजा के खिलाफ उनकी अपील पर जल्द सुनवाई नहीं की जाती है तो आसाराम सजा के निलंबन के लिए राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष नई याचिका दायर कर सकते हैं. संक्षिप्त सुनवाई के बाद आसाराम के वकील वरिष्ठ वकील देवदत्त कामथ ने याचिका वापस लेने की इच्छा जताई, जिसे पीठ ने स्वीकार कर लिया गया. पीठ जुलाई, 2022 के राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ आसाराम की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्हें जमानत देने से इन्कार कर दिया गया था.