नई दिल्ली: ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म और एडटेक कंपनी बायजूस को फाइनेंशियल ईयर 2021 में 4500 करोड़ का घाटा हुआ है जबकि रेवेन्यू भी साल दर साल 14 परसेंट गिरकर 2428 करोड़ रहा. जबकि वित्तीय वर्ष 2020 में रेवेन्यू 2704 करोड़ था और प्रॉफिट 262 करोड़ रहा था. FY21 में बायजूस को हुआ घाटा पिछले वित्तीय वर्ष की तुलान में करीब 17 गुना ज्यादा है. बायजूस के अनुसार, अकाउंटिंग प्रैक्टिस में बदलाव के कारण, बिजनेस में उल्लेखनीय वृद्धि रेवेन्यू के आंकड़े में नहीं दिखी थी और राजस्व का लगभग 40 प्रतिशत बाद के वर्षों के लिए स्थगित कर दिया गया था.
बायजूस के फाउंडर रवींद्रन ने कहा कि, कोरोना के दौरान हमने शिपमेंट में देरी के कारण अपने बहुत से यूजर्स को स्ट्रीमिंग एक्सेस दिया और इसे बदलना पड़ा. इस पूरी अवधि में जबरदस्त रेवेन्यू कंजम्पशन देखा गया. दूसरी ओर क्रेडिट सेल्स, ईएमआई बिक्री भी एक बड़ा कारण रहा.
बायजूस प्राइवेट कंपनी है जिसके फाइनेंशियल रिजल्ट में देरी से लगातार देरी हो रही थी. रिजल्ट को लेकर डेलॉइट ने कुछ चिंताओं की पहचान की थी जिस तरह से बायजूस की ओर से रेवेन्यू के फ्रंट पर काम किया जा रहा था. एडटेक दिग्गज अपने रिजल्ट को एमसीए (कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय) को प्रस्तुत करने में देरी कर रहा था. बायजूस ने मंत्रालय को रिजल्ट सौंपने के लिए कम से कम चार डेडलाइन निर्धारित की थी, लेकिन ये सभी चूक गईं.
रवींद्रन ने मनीकंट्रोल को बताया कि वित्त वर्ष 2021 के परिणाम दाखिल करने में देरी का कारण तीन कारक थे. इनमें सबसे पहले कंपनी कोविड के कारण यात्रा करने में असमर्थ थी, इससे कुछ कंपनियों के ऑडिट में देरी हुई. उन्होंने यह भी कहा कि अधिग्रहण से जुड़ी जटिलता के साथ-साथ डेलॉइट द्वारा अनुरोधित राजस्व मान्यता में परिवर्तन के कारण परिणाम दाखिल करने में देरी हुई.
फाइनेंशियल रिजल्ट में देरी को लेकर कॉर्पोरेट मंत्रालय ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में बायजूस से जवाब मांगा था. इसके अतिरिक्त 21 जुलाई को संसद सदस्य कार्ति चिदंबरम ने गंभीर धोखाधड़ी को लेकर कॉर्पोरेट जांच एजेंसी को पत्र लिखकर एडटेक यूनिकॉर्न के वित्तीय मामलों की की जांच करने के लिए कहा था. बता दें कि बायजूस के 6.5 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं. इसने पिछले वर्ष में लगभग 2.5 करोड़ सब्सक्राइबर जोड़े और कंपनी पिछले एक साल से कंपनियों का अधिग्रहण कर रही है.