भाजपा का किला ध्वस्त करने में चुक गया गठबंधन !
विधानसभा चुनाव के पूर्व राजनीतिक के कई रंग दिखाएगी जमशेदपुर
देवानंद सिंह
जमशेदपुर लोकसभा सीट पर मतदान संपन्न हो चुका है जमशेदपुर लोकसभा सीट पर इस बार
सहानुभूति ,भीतरघात ,तुष्टिकरण का खेल के साथ-साथ आपसी सामंजस्य का आभाव भाजपा और गठबंधन दोनों दल में दिखा भाजपा ने अपने कुनवे को आखिरी समय में कुछ हद तक संभालने में कामयाबी पाई हालांकि संगठन के प्रति भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी अभी मौजूद है चुनाव प्रबंधन में जुटे पदाधिकारियों के उपर चौक चौराहे पर भाजपाई चर्चा करते दिख रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी के कारण हम लोग निस्वार्थ भाव से काम किया इस पर चर्चा हम बाद में करेंगे पहले गठबंधन पर चर्चा की शुरुआत करते हैं
गठबंधन के प्रत्याशी समीर मोहंती जो कि भाजपा का अवैध किला ध्वस्त करने में लगी थी मतदान के करीब आते आते पूरा का पूरा कुनबा बिखर गया यहां यह बताना आवश्यक है कि
विधानसभा चुनाव तक जमशेदपुर की राजनीति कई रंग दिखाने के लिए अभी से तैयार है
गठबंधन प्रत्याशी समीर महंती को यूं तो गठबंधन में शामिल सभी दलों का निस्वार्थ समर्थन मिल रहा था वही झामुमो केंद्रीय महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य के जमशेदपुर में कैंप करने से परिस्थितियों गठबंधन प्रत्याशी समीर महंती के पक्ष में जा रही थी अचानक चुनाव के दो दिन पूर्व सलाहकार के कारण गठबंधन दल में शामिल दल कांग्रेस, आप , CPI और खुद के झामुमो के नेता एवं कार्यकर्ता प्रत्याशी समीर महंती से दूरियां बना ली | कई नेताओं और गठबंधन में शामिल दल और नेताओं ने नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि समीर महंती एक चापलूस चौकड़ी में घिर कर रह गए वरना जिस तरह का माहौल बना था इस बार चुनाव का परिणाम अलग होता
मतदान के दिन शहरी क्षेत्र के बूथों पर गठबंधन प्रत्याशी के पक्ष में कैडर भी सभी जगह मौजूद नहीं थे
जमशेदपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी समीर मोहंती की हार जीत के तस्वीर अलग-अलग दिखाई दे रही है विधानसभा वार अलग-अलग आकलन करने पर चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे मेहनत में इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, सीपीएम, माले और आप पार्टी ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी धीरे-धीरे गठबंधन के दल अपने आप को मजबूती से चुनाव प्रक्रिया में शामिल होकर गतिविधियों को बढ़ावा लेकिन इस बीच में कई आश्चर्यजनजनक घटना चक्र भी होता रहा जिसमें मुख्य रूप से देखा जाए तो रांची के प्रभात तारा मैदान में ऊलगुलान न्याय महा रैली के आयोजन को सफल बनाने के लिए इंडिया गठबंधन के बड़े-बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया और संपूर्ण झारखंड से कार्यकर्ताओं को अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने के लिए भी अलग-अलग जिम्मेदारियां निर्धारित की गई _____
क्रमशः