सांसद विद्युत महतो की अगुवाई में ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ पर बिस्टुपुर तुलसी भवन में संगोष्ठी का हुआ आयोजन
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा- ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ चर्चा का नहीं बल्कि भारत की जरूरत है
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर। एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा, महत्व, चुनौतियों और संभावनाओं पर व्यापक चर्चा करने के उद्देश्य से शनिवार को जमशेदपुर के बिस्टुपुर स्थित तुलसी भवन सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो के नेतृत्व में आयोजित इस संगोष्ठी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रघुवर दास बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।
संगोष्ठी में प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद, प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले, भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा, मुरलीधर केडिया, विकास सिंह, संतोख सिंह, जितेंद्र सिंह, अशोक गुप्ता एवं अरुण सिंह समेत शहर के विभिन्न सामाजिक संगठन, गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ), अधिवक्ता संघ, विभिन्न व्यवसायी संघ और प्रबुद्धजनों के साथ बड़ी संख्या में आम नागरिकगण एवं भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान वक्ताओं ने एक राष्ट्र-एक चुनाव” को भारत के लोकतंत्र को और अधिक सशक्त, सुव्यवस्थित और प्रभावी बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। इससे पहले, भारत माता के चित्र के सम्मुख द्वीप प्रज्वलित कर एवं पुष्प अर्पित कर संगोष्ठी का विधिवत शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि शामिल हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 से अब तक देश को विरासत में मिली अनेक समस्याओं का एक-एक कर समाधान किया है उन्होंने कहा कि धारा 370 की समाप्ति हो, राम मंदिर निर्माण जो पांच शताब्दियों के संघर्ष, त्याग और बलिदान का प्रतीक है या व्यापारियों को टैक्स जाल से मुक्त करने के लिए ‘वन नेशन, वन टैक्स’ के तहत जीएसटी लागू करना हो, मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। तीन तलाक पर कानून बनाना, गरीबों को एक देश, एक राशन कार्ड जैसी सुविधा देना और अब ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की पहल। यह सब दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केवल सुधार की बात नहीं करते, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारकर दिखाते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि यह विचार नया नहीं है। भारत रत्न श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेताओं के नेतृत्व काल से ही भाजपा इसका समर्थन करती रही है। उन्होंने कहा कि लगातार चुनावी प्रक्रिया के चलते देश में कहीं न कहीं आचार संहिता लगती रहती है, जिससे विकास कार्य बाधित होते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो बात कही है, वह केवल चर्चा का विषय नहीं है बल्कि यह आज के भारत की जरूरत है। एक राष्ट्र एक चुनाव से न केवल हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी, बल्कि प्रशासनिक मशीनरी, सुरक्षा बल और मानव संसाधन का भी बेहतर उपयोग होगा।
रघुवर दास ने कहा कि इस विषय पर आम सहमति बनाना जरूरी है और इसके लिए देशभर में संवाद और जनचर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान संशोधन के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी है, ऐसे में जनता के बीच जाकर विरोधियों का चेहरा बेनकाब करें, जो देशहित के इस ऐतिहासिक कदम में भी राजनीति ढूंढ़ते हैं।
साथ ही उन्होंने ‘एक मतदाता सूची’ की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि आज निगम, विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए अलग-अलग मतदाता सूचियां बनाई जाती हैं, जिससे समय और पैसों का खर्च बढ़ता है। भाजपा परिवार के हमारे पूर्वजों ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ का सपना देखा था। अब वह सपना साकार करने का वक्त आ गया है।
वहीं, सांसद विद्युत महतो ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने “एक राष्ट्र, एक चुनाव” को लागू करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल की है। इसके लिए 129वां संविधान संशोधन विधेयक लाया गया है, जो लोकतंत्र को सशक्त करने के साथ देश को स्थायित्व और सुशासन की दिशा में आगे ले जाएगा। सांसद ने बताया कि इस विधेयक से पहले पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित की गई, जिसने सभी हितधारकों से व्यापक सुझाव लिए। कुल 62 राजनीतिक दलों से राय मांगी गई, जिनमें से 47 दलों ने जवाब दिया, और उनमें से 32 ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि 15 ने विरोध किया।
उन्होंने कहा कि 4 पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, 9 उच्च न्यायालयों के पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, तथा सभी 4 पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। साथ ही समिति को मिले 13,396 सुझाव (83%) आम नागरिकों ने इसका समर्थन किया है, जो जनमत का स्पष्ट संकेत है। सांसद ने स्पष्ट किया कि यह विधेयकब लागू होने के बाद लोकसभा चुनावों में यह 2029 के बाद और राज्य के विधानसभा चुनावों में 2034 से लागू होगा। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार इसे सोच-समझकर, चरणबद्ध और व्यवस्थित तरीके से लागू करना चाहती है।
सांसद विद्युत महतो ने बार-बार होने वाले चुनावों को देश के विकास में बाधक बताते हुए कहा कि इससे प्रशासनिक कामकाज रुक जाता है, आचार संहिता लागू होने से योजनाओं में देरी होती है, शिक्षकों की ड्यूटी लगती है, और स्कूल मतदान केंद्र बनते हैं। एक साथ चुनाव से ये सभी बाधाएं दूर होंगी। सांसद ने कहा कि एक साथ चुनाव से हजारों करोड़ रुपये की बचत होगी, जिसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना जैसे विकास कार्यों में हो सकेगा। इसके अलावा जिन राज्यों में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ हुए हैं, वहां मतदान प्रतिशत में वृद्धि देखी गई है। सम्बोधन के अंत में सांसद विद्युत महतो ने कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव” चुनावी सुधार के साथ देश के भविष्य को सशक्त, स्थिर और विकसित बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। हमें मिलकर इस संकल्प को साकार करना है।
वहीं, प्रदेश मंत्री नंदजी प्रसाद ने कहा कि देश में वन नेशन वन इलेक्शन लागू होने से देश और देश की जनता का समय और पैसा दोनों की बचत होगी। विकास की निरंतरता सुनिश्चित करने, चुनावी व्यय को घटाने और देश के संसाधनों का राष्ट्रहित में उपयोग बढ़ाने के लिए ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ आवश्यक है।
झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अमरप्रीत सिंह काले ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने की अवधारणा देश में नयी नहीं है। 1951 से 1967 तक लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ आयोजित किए गए थे। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के पहले आम चुनाव 1951-52 में एक साथ आयोजित किए गए थे। 1957, 1962 और 1967 के तीन आम चुनावों में भी यह जारी रहा। अब फिरसे देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने का सपना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देखा है, यह हम सबका कर्तव्य है कि इसे हम संकल्प से सिद्धि में परिवर्तित करें।
संगोष्ठी में विषय प्रवेश कराते हुए एक राष्ट्र-एक चुनाव के प्रदेश भाजपा के सह संयोजक एवं झारखंड स्टेट बार काउंसिल के उपाध्यक्ष सह अधिवक्ता राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में गठित समिति ने एक साथ चुनाव की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव की नींव रखी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस विचार को देशभर में भारी जनसमर्थन मिल रहा है और यह सुधार भारत के लोकतंत्र को अधिक मजबूत, सशक्त और स्थिर बनाएगा।
संगोष्ठी में अतिथियों का स्वागत संबोधन करते हुए भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने कहा कि बार-बार होने वाले चुनावों से प्रशासनिक तंत्र पर बोझ पड़ता है, विकास कार्य बाधित होते हैं और जनता के पैसे का अपव्यय होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाया गया यह सुधार देश को नीतिगत रूप से स्थिर और विकासोन्मुख बनाएगा। सुधांशु ओझा ने कहा कि भाजपा शुरू से ही इस विचार की पक्षधर रही है। आज देश की जनता भी इस पहल को समर्थन दे रही है, क्योंकि इससे संसाधनों की बचत, अधिक मतदान प्रतिशत और कल्याणकारी योजनाओं का निर्बाध क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।
संगोष्ठी में मुरलीधर केडिया, विकास सिंह, संतोख सिंह, जितेंद्र सिंह, अशोक गुप्ता एवं अरुण सिंह ने भी सम्बोधित किया।
संगोष्ठी में मंच संचालन प्रसेनजित तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन जमशेदपुर महानगर के जिला महामंत्री संजीव सिंह ने किया।
इस दौरान पूर्व विधायक मेनका सरदार, देवेंद्र सिंह, चंद्रशेखर मिश्रा, रामबाबू तिवारी, मिथिलेश सिंह यादव, मनोज सिंह, कल्याणी शरण, कुलवंत सिंह बंटी, कुसुम पूर्ति, रमेश हांसदा, संजीव सिन्हा, बबुआ सिंह, रेणु शर्मा, संजीव सिंह, संजीव कुमार, मिली दास, सुबोध झा, प्रेम झा, नीतीश कुशवाहा, मुचिराम बाउरी, सागर राय, मंजीत सिंह, नीलू मछुआ, ज्ञान प्रकाश, बिनोद कुमार सिंह, संजीत चौरसिया, अमित सिंह, उज्ज्वल सिंह, कौस्तव राय समेत विभिन्न मंडल अध्यक्ष एवं हजारों आम नागरिक मौजूद रहे।