अश्लील भोजपुरी गानों के विरुद्ध जागरूकता अभियान – तोमर
राष्ट्र संवाद संवाददाता
हमेशा से भोजपुरी भाषा का देश की अन्य भाषाओं के मध्य एक विशेष स्थान रहा है। भोजपुरी भाषा मे भावनात्मकता भी है और रसिकता भी। भोजपुरी भाषा मिट्टी से जुड़ी हुई भाषा रही है एवं अपनी विशिष्टता की सुगंध से श्रोताओं को पुलकित करती रही है।
विगत कुछ वर्षों से ऐसा देखा जा रहा है कि भोजपुरी भाषा मे अश्लीलता का प्रयोग बढ़ता जा रहा है एवं ये महान भाषा अपनी मूल पहचान को खोती जा रही है। वर्तमान मे देश के अन्य राज्यों मे भोजपुरी भाषा का सम्मान अन्य भाषियों के मध्य लगभग समाप्त हो गया है। प्रतिष्ठित भोजपुरी कलाकार भी सार्वजनिक रूप से अपना परिचय देने मे संकोच करते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि भोजपुरी भाषा से जुड़ाव उजागर करते ही उनका सम्मान कम हो जाएगा।
कुछ भोजपुरी कलाकार/चैनल द्विअर्थी शब्दों के द्वारा अत्यधिक अश्लीलता प्रस्तुत कर रहे हैं कि सभ्यता की समस्त सीमाएं लांघी जा रही हैं, जो चिंता एवं शर्म का विषय बनता जा रहा है।
भोजपुरी भाषा के लोकप्रिय गीतकार तोमर सत्येन्द्र सिंह भोजपुरी गीत संगीत से अश्लीलता को समाप्त करने एवं इस महान भाषा को इसका खोया हुआ सम्मान दिलाने के लिए अग्रसर रहे हैं।