स्मृतिशेष सुषमा स्वराज है हमारी शान
भारत की लाडली बेटी,
संसद की थी शान
राजनीति के रम्य क्षितिज पर,
एक अलग पहचान
प्रखर प्रवक्ता कुशल प्रशासक,
मृदुभाषी विदुषी सबको रहा अभिमान
स्मृतिशेष सुषमा स्वराज है हमारी शान
भारतीयता की ध्वजा वाहिका,
स्वाभिमानी महिला थी
देशानुराग, मधु-रागिनी,
कालजयी कोकिला थी
आदम्य उत्साह की प्रतिमूर्ति,
छाया लक्ष्मी बाई की
देशद्रोही दुश्मन समक्ष,
एक जाग्रत ज्वाला थी
भारत की यह महिला अब सबकी जान
स्मृतिशेष सुषमा स्वराज है हमारी शान
राजनीति के कठिन डगर में,
पग-पग पर है बाधा
ऐश्वर्य के महा पाश में,
किसको इसने नहीं बाँधा
रही अडिग निष्काम तपस्विनी,
सती सावित्री जैसी
सत्य धर्म और त्याग के बल पर,
सब को इसने साधा
रही भारत की हरदम आन बान
स्मृतिशेष सुषमा स्वराज है हमारी शान
असमय छोड़ गई हम सब को,
देकर घोर संताप
दीन-दुखी-वंचित वंधु को,
दे निर्मम महाशाप
जब तक उदित रहेंगे गगन में,
शशि और दिन मान
अमर रहेगा जन जन के हिय में,
सुषमा का पुण्य प्रताप
हिदुस्तान की यह रही सम्मान
स्मृतिशेष सुषमा स्वराज है हमारी शान
स्वर्ण अक्षरों में सदैव आपका,
नाम अंकित रहेगा
पद चिन्हों पर चलकर भारत,
जग में नाम करेगा।
विनम्र श्रद्धांजलि हे!महा विदुषी,
आज स्वीकार करो तुम
तेरे उपादेयता का ऋणी, भारत सदा रहेगा
भारत की यह नारी रही आन बा vuन शान
स्मृतिशेष सुषमा स्वराज है हमारी शान
जयहिद
यूवाकवयित्रि
अंकिता सिन्हा
जमेशदपुर झारखंड