और आखिरकार अधिवक्ता डॉ वीरेंद्र सिंह साजिश के शिकार हो ही गए?
गिरफ्तारी मामले को लेकर डीजीपी और एसएसपी चाईबासा से बात किया हूं राजेश कुमार शुक्ल उपाध्यक्ष झारखंड स्टेट बार काउंसिल
नेताजी सुभाष पब्लिक स्कूल और डॉक्टर वीरेंद्र के पत्नी बीच चल रहा है वेतन भुगतान का मामला
पूर्व में भी एक महिला द्वारा डॉ वीरेंद्र पर लगाया गया था आरोप जिसे पुलिस ने किया था खारिज?
स्थानीय व्यवहार न्यायालय के सीनियर अधिवक्ता डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह को बलात्कार के एक मामले में नोआमुंडी पुलिस ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया है. उसके बाद उन्हें लेकर चाईबासा चली गयी. उनके खिलाफ पटमदा की एक महिला ने नोआमुंडी थाने में एफ आई आर दर्ज कराया है. सुपर विजन में उनके खिलाफ लगे आरोप सही पाए गए थे. उसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट लिया, जिसके आधार पर वीरेंद्र सिंह की गिरफ्तारी की गई है. वहीं दूसरी ओर जिला बार एसोसिएशन के सचिव अनिल कुमार तिवारी ने अधिवक्ता डॉ. बीरेन्द्र की गिरफ्तारी को पूरी तरह ईलीगल और साजिश करार दिया है.
बार एसोसिएशन के सचिव ने अधिवक्ता के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार बताया
डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह के खिलाफ लगे आरोपों को निराधार बताते हुए आज कोर्ट के अधिवक्ताओं ने काम का बहिष्कार किया है. अधिवक्ताओं द्वारा बार एसोसिएशन के बैनर तले बुलाई गई होली मिलन कार्यक्रम को भी फिलहाल रोका गया है. इस संबंध में जानकारी देते हुए बार एसोसिएशन के सेक्रेटरी ने बताया कि डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह का नेता जी सुभाष पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर एमएम सिंह से व्यक्तिगत मामला है. जिसकी वजह से उनके खिलाफ साजिश कर केस मुकदमे में फंसाए जाने की चाल चली जाती है. उसी के तहत एक बुजुर्ग वकील को बलात्कार के केस में फसाया गया है.
साजिश के तहत इनलिगल गरफ्तारी अधिवक्ता की
सचिव श्री तिवारी का कहना है कि पुलिस से संपर्क कर इस बाबत जानने की कोशिश की गई तो पुलिस ने पहले तो कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दिया. बाद में बताया गया कि जमशेदपुर जिला पुलिस को भी नोटिस दी गई थी और जिला पुलिस की जानकारी में अधिवक्ता की गिरफ्तारी की गई है. फिलहाल अधिवक्ताओं का कहना है कि जब तक इस संबंध में डीआईजी स्तर पर कोई फैसला नहीं लिया जाता है तब तक संभव है कि होली के बाद भी कोर्ट में पेन डाउन स्ट्राइक किया जाएगा. वैसे प्रधान जिला जज को भी एक आवेदन देने की बात कही गई है. यहां यह जानकारी में हो कि डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह एक साफ-सुथरी छवि और सुलझे हुए व्यक्ति हैं. अधिवक्ताओं व बार के सचिव का भी कहना है कि डॉ. बीरेन्द्र को साजिश के तहत ही एससी एसटी एक्ट के एक मुकदमाे में फंसाया गया है. वह भी कोर्ट में विचाराधीन है
कोर्ट परिसर में नारेबाजी, डीआईजी का पुतला फूका दूसरी ओर आज व्यवहार न्यायालय परिसर में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और अधिवक्ता की गिरफ्तारी को इनलिगल बताते हुये इस मुद्दे पर तत्काल निर्णय लिये जाने की मांग की. वहीं अधिवक्ताओं ने विरोध में कोल्हान डीआईजी राजीव रंजन का पुतला फूंका है. अधिवक्ताओं का कहना है कि साजिश के तहत डॉ वीरेंद्र की गिरफ्तारी की गई है और डीआईजी की अनुमति से यह गिरफ्तारी की गई है. अधिवक्तागण इस बात को लेकर नाराज हैं. जबकि डीआईजी राजीव रंजन शहर में है और फिलहाल सीनियर एसपी के कार्यालय में मातहतों के साथ उनकी बैठक चल रही है.
बरहाल इस पूरे मामले की पृष्ठभूमि में जाने से कई मामले खुलेंगे और आने वाले दिनों में राष्ट्र संवाद इस पूरे मामले को उजागर करेगा गिरफ्तारी से प्रतीत होता है कि पुलिस प्रशासन को पूरे मामले में इस्तेमाल किया गया है