बहू को घर से निकाला दो साल के बेटे को छीन लेने का लगाया आरोप
जमशेदपुर: शादी के पांच साल बाद 25 लाख दहेज नहीं दिया तो बहू को घर से निकाला बिष्टुपुर के नार्दन टाउन में है वेदिका कश्यप का मायका, दो साल के बेटे को छीन लेने का लगाया आरोप.
बिष्टुपुर थाना क्षेत्र के नार्दन टाउन की रहने वाले वेदिका कश्यप ने शादी के पांच साल बाद अपने ससुरालवालों के खिलाफ दहेज में 25 लाख रुपये मांगने और नहीं देने पर घर से निकाल देने का आरोप लगाते हुये बिष्टुपुर थाने में एक मामला दर्ज कराया है. मामले में आरोपी पति डॉ. शांतनु, ससुर डॉ. अरूण कुमार, सास आशा देवी और ननद स्मृति कुमारी को बनाया गया है.
वेदिका कश्यप ने मामले में कहा है कि उसकी शादी 10 दिसंबर 2017 को वेव इंटरनेश्नल होटल में हुई थी. शादी का सारा खर्च वेदिका के माता-पिता की ओर से ही उठाया गया था. शादी में 15 लाख रुपये मूल्य के उपहार भी मिले थे. शादी के बाद ससुराल के सदस्यों को सोफो, सेंटर टेबुल, मतरेसस, अलमीरा, बर्तन, चांदी की मछली आदि दी गयी थी. इसकी कीमत 5 से 7 लाख रुपये होगी. वेदिका को बताया गया था कि उसका पति दिल्ली राम मनोहर लोहिया अस्पताल में रेसीडेंट डॉक्टर हैं. उस समय वेदिका बीयूजेवाइएस क्लासेस बंगलोर के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस में एचआर थी. शादी के पहले ही उससे नौकरी छुड़वा दिया गया था.
शादी के बाद उसे चाईबासा में रखा गया था. यहां पर उसे पति से ठीक से बात तक करने नहीं दिया जाता था. इस बीच वेदिका को उसकी गर्भवती ननद की सेवा करने के लिये उसके नहीं चाहते हुये भी दुबई भेज दिया
गया था. वहां पर उसे अपने पति से बात भी करने नहीं दिया जाता था. जिद करने पर सास ने वेदिका को चंडीगढ़ में वहां भेज दिया जहां पर उसका पति पीजीआइ अस्पताल में रेसीडेंट डॉक्टर है. दो दिन ही वहां पर रह पायी थी कि सास ने वेदिका को चाइबासा लेकर चली गयी.
चाईबासा में उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा था. वह इसके खिलाफ विद्रोह भी करना चाहती थी, लेकिन पति के कारण चुप रह जाती थी. डेढ़ साल बीतने के बाद जब वह पति के पास चंडीगढ़ गयी तब पति का रवैया बिल्कुल ही बदला हुआ था.