नई दिल्ली। खुद को एक पार्टी बताने वाली आम आदमी पार्टी भी अपने रंग दिखाने लग गई है। दरअसल, हुआ यूं कि पंजाब के सीएम की गैर मौजूदगी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के अधिकारियों की मीटिंग ले डाली। पंजाब में चुनाव से पहले ही कांग्रेस और बीजेपी आरोप लगाती रही थी कि सत्ता के बाद भगवंत मान सिर्फ दिखावे के लिए सीएम होंगे, सारा फैसला केजरीवाल ही करेंगे। वाकई यह सच होने लगा है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान सिंह राष्ट्रपति से मिलने के लिए दिल्ली पहुंचे थे। उधर, सीएम की अनुपस्थिति में ही केजरीवाल ने पंजाब के अफसरों की मीटिंग ले ली। अब चूंकि केजरीवाल अपनी पार्टी के तो चीफ हैं, लेकिन पंजाब सरकार के नहीं। इसलिए विपक्ष इस मीटिंग पर सवाल उठाने लगा कि किस अधिकार से केजरीवाल ने ये मीटिंग ली? क्या पंजाब के सीएम केजरीवाल हैं? कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू और पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसके लिए केजरीवाल पर जमकर निशाना साधा। विपक्ष के साथ-साथ आम लोगों ने आप के मुखिया को कटघरे में खड़ा किया। जहां नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट करके कहा- “चलने दो आंधियां हकीकत की, न जाने कौन से झोंके से बहरूपियों के मुखौटे उड़ जाएं। वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि बुरे की आशंका थी बुरा हुआ। उम्मीद से पहले ही अरविंद केजरीवाल ने पंजाब पर कब्जा कर लिया है। भगवंत मान एक रबर स्टैंप हैं, जिसकी पहले से ही उम्मीद थी। अब केजरीवाल ने दिल्ली में पंजाब के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करके इसे सही साबित कर दिया है। हैरान करने वाली बात है कि सीएम भगवंत मान की अनुपस्थिति में अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के आईएएस अधिकारियों को तलब किया। । यह डिफैक्टो सीएम और दिल्ली के रिमोट कंट्रोल को उजागर करता है।