बिरसानगर के बुजुर्ग के पैसे और जमीन हड़पकर बेटी औऱ दामाद ने घर से निकाला, अब दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं भाष्कर गुहा
● पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने आश्रय के लिए डीसी को किया ट्वीट
● राज्य पुलिस मुख्यालय ने भी मामले में संज्ञान लेकर जिले के उपायुक्त और एसएसपी को आवश्यक कार्रवाई का दिया निर्देश
बिरसानगर निवासी और टाटा मोटर्स के अवकाश प्राप्त कर्मचारी भाष्कर कुमार गुहा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। उनकी दो बेटियां हैं और दोनों बिरसानगर में ही रहती हैं। लेकिन इस बुजुर्ग की परवाह किसी को नहीं है। अब भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को ट्वीट करते हुए उनके रहने की उचित व्यवस्था करने की गुहार लगायी है। एक तरफ ठंड में सरकार की ओर से बेघर लोगों को रहने की व्यवस्था के साथ ही कंबल और अलाव की व्यवस्था करने का प्रावधान है, लेकिन बुजुर्ग भाष्कर गुहा के पास अपने लोग होते हुए भी सिर छुपाने की जगह नहीं है। उनका दिन टेल्को के एक पार्क में तो रात टेल्को राम मंदिर के पास स्थित बस स्टैंड में गुजरता है। स्थानीय लोग उनके लिए खाने की व्यवस्था कर देते हैं तो उनके खाने-पीने का जुगाड़ किसी तरह हो जाता है।
अपनी व्यथा सुनाते हुए श्री गुहा कहते हैं कि उन्होंने टाटा मोटर्स कंपनी में काम किया, पूरा जीवन यहीं गुजारा और अब उन लोगों के सामने अपनी ऐसी स्थिति को लेकर जाना शर्मनाक स्थिति जैसी हो रही है। लेकिन मजबूरीवश वे वह सबकुछ करने को विवश हैं। उन्होंने कहा कि उनके पास 4 कट्ठा जमीन भी थी, जो उन्होंने अपनी बेटी की सास से खरीदी थी। इसके अलावा दामाद को साढ़े तीन लाख का बैंक ड्राफ्ट भी दिया था। इसका सबूत बैंक से मिल जाएगा। लेकिन सारे पैसे और जमीन हड़पने के बाद बेटी और दामाद ने मिलकर उन्हें घर से निकाल दिया जिसके बाद से वे दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं। पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की ट्वीट के बाद झारखंड पुलिस मुख्यालय ने भी मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर मुख्यालय ने पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त और वरीय पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कहा है। इस मामले में डीसी के निर्देश पर बर्मामाइंस शेल्टर होम के प्रतिनिधि अहमद रज़ा समेत अन्य ने टेल्को मोनीष पार्क से बुजुर्ग भास्कर कुमार गुहा को आश्रय के लिए बर्मामाइंस आश्रय गृह लेकर गये हैं जहाँ उनके रहने की तत्कालीन व्यवस्था की गई है। ज्ञातव्य हो कि मामले को सबसे पहले बिरसानगर निवासी गौतम ओझा ने पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी के संज्ञान में लाकर आवश्यक सहयोग का आग्रह किया था।