जामताड़ा: इस चिलचिलाती धूप में शनिवार को प्रवासी मजदूरों का जत्था लगभग 46 की संख्या में कुंडहित प्रखंड क्षेत्र के मोहीजोड़ गांव के बाहर देखा गया।इस संबंध में प्रवासी मजदूरों ने बताया कि वे लोग पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला के खैराशोल थाना क्षेत्र में ईट भट्टे में मजदूरी का काम करते थे।लॉक डाउन लग जाने की वजह से वे लोग वहां फंसे हुये थे। कहा कि जितना उनलोगों के पास पैसा था सब खाने-पीने में खत्म हो गया ।ऐसे में अब भुखमरी की स्थिति उत्पन्न होने लगी थी ।ऐसे में उनका अपने गांव पैदल जाने के अलावा कोई और दूसरा रास्ता नहीं बचा था। मजदूरों ने कहा सरकार द्वारा मजदूरों को लाया जा रहा है ।ऐसे में हम लोगों को भी लाया जाता लेकिन कब लाया जाता?इसलिए यह कदम उठाया गया ।राष्ट्र संवाद के बिहार-झारखंड प्रभारी निजाम खान ने मजदूरों को अपनी क्षमता अनुसार बिस्कुट खिलाया ।सूचना मिलते ही संयुक्त रूप से आदर्श डीसी गणेश कुमार व डीडीसी नागेंद्र कुमार सिन्हा ने कुंडहित बीडीओ गिरीवर मिंज को भोजन का व्यवस्था करने का निर्देश दिया। वहीं बीडीओ ने सगुना स्थित मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना के तहत बन रहे संचालक को प्रवासी मजदूरों को भोजन कराने का निर्देश दिया।सभी प्रवासी मजदूरों को दोपहर का भोजन कराया गया।आपको बता दें इस जत्था में छोटे-छोटे बच्चे, विकलांग लड़की तथा गर्भवती महिला भी शामिल थी। बताते चलें मजदूरों का कहना कि वे लोग गोड्डा जिला के रहने वाले ।कहा पैदल गोड्डा के लिए लिए निकले है।
प्रवासी मजदूर का जत्था के विषय में जब राष्ट्र संवाद परिवार को सूचना मिली तो राष्ट्र संवाद परिवार ने इसकी सूचना जिले के आदर्श उपायुक्त को दिया।जिस पर उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि इन लोगों को बस से गोड्डा पहुंचा दिया जाएगा और खाने-पीने का व्यवस्था भी हो जाएगा। जिला प्रशासन के इस पहल की लोगों ने काफी सराहना की।
आपको बता दे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में अब कोई भी प्रवासी मजदूर पैदल अपने गंतव्य तक ना जाए।प्रवासी मजदूरों के लिए जिला प्रशासन बस का इंतजार करें। ऐसे में मुख्यमंत्री के इस पहल की भी सराहना हो रही है।
एक विशेष सूचना
राष्ट्र संवाद परिवार का सम्मानित साथियों से आग्रह है कि कहीं भी अगर प्रवासी मज़दूरों का जत्था पैदल जाते देखा जाए तो कृपया उन लोगों से कहें कि आप लोग ठहर जाइए।आप लोगों के लिए प्रशासन द्वारा बस का इंतजाम किया जाएगा,घर भेजने के लिए और अपनी क्षमता अनुसार वैसे प्रवासी मजदूरों को भोजन भी कराएं ,संभव हो तो।साथ ही इसकी सूचना आप प्रखंड के वरीय पदाधिकारी या फिर जिला प्रशासन को देकर जिला प्रशासन का सहयोग करें और अपनी मानवता का परिचय दे।
धन्यवाद!