व्यास आचार्य राजेंद्र जी महाराज के सीता-राम विवाह प्रसंग से भावविभोर हुए श्रद्धालु, धूमधाम से जनकपुर पहुंची बारात, लगे जयसियाराम के जयकारे
राष्ट्र संवाद संवाददाता
जमशेदपुर। सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना के पंचम वर्षगांठ के अवसर पर शंख मैदान में सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के पंचम दिन कथा प्रारंभ से पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच व्यास पीठ एवं व्यास का विधिवत पूजन किया गया। पूजन पश्चात श्रीधाम वृंदावन से पधारे मर्मज्ञ कथा वाचक आचार्य राजेंद्र जी महाराज का श्रद्धाभाव से स्वागत किया गया। स्वागत के पश्चात कथा व्यास आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने पंडाल में उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के समक्ष श्रीराम कथा के पांचवें दिन सीता-राम विवाह का प्रसंग सुनाया। कथा के दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक रघुवर दास मुख्यरूप से मौजूद रहे।
श्रीराम कथा के पांचवें दिन आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने भगवान श्रीराम द्वारा धनुष भंग, परशुराम, लक्ष्मण संवाद एवं श्री राम विवाह, के प्रसंग वर्णन से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। ‘दसरथ राज कुमार नजर तोहे लग जायेगी एवं आज मिथिला नगरिया निहाल सखियाँ’ भजन पर श्रद्धालु जमकर झूमे। कथा में आगे बढ़ते हुए राजेंद्र महाराज ने कहा कि राम विवाह एक आदर्श विवाह है। तुलसीदास ने राजा दशरथ, राजा जनक, राम व सीता की तुलना करते हुए बताया है कि ऐसा समधी, ऐसा नगर, ऐसा दुल्हा, ऐसी दुल्हन की तीनों लोक में कोई बराबरी नहीं हो सकती।
आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने कहा कि विश्वामित्र श्रीराम को जनकपुरी की ओर ले गये जहां पर सीता स्वयंवर चल रहा था।
कथा प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए राजेंद्र महाराज ने कहा कि राजा जनक ने राजा दशरथ को बारात लाने का न्यौता भेजा एवं राजा दशरथ नाचते-गाते हर्षित होकर बारातियों सहित जनकपुरी पहुंचे। बारात की भूमिका में सूर्य मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बारात में शामिल होकर उपस्थित श्रोता जनसमूह के साथ खूब भावपूर्ण होकर नाच-गान किया। आगे राम कथा में मां सीता की बिदाई हुई। उन्होंने कहा कि जनकपुर से जब सीताजी की बिदाई हुई तब उनके माता-पिता ने उन्हें ससुराल में कैसे रहना है इसकी सीख दी। प्रत्येक माता-पिता को अपनी पुत्री के विवाह के समय ऐसी ही सीख देनी चाहिए।
कल गुरुवार राम कथा के छठे दिन केवट प्रसंग एवं भरत मिलाप प्रसंग का वर्णन होगा। कथा दोपहर 3:30 बजे से प्रारंभ होगी। इस दौरान मंच संचालन सूर्य मंदिर समिति के वरीय सदस्य राकेश सिंह ने किया।
कथा में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक रघुवर दास, संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, महासचिव अखिलेश चौधरी, लड्डू मंगोटिया, जवाहर विग, ओम प्रकाश जग्गी, दिनेश गुप्ता, कल्याणी शरण, गुंजन यादव, टुनटुन सिंह, विष्णु कैबर्तो, सुशांत पांडा, अमरजीत सिंह राजा, शैलेश गुप्ता, शशिकांत सिंह, कंचन दत्ता, प्रेम झा, प्रमोद मिश्रा, राकेश सिंह, अमित अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, अशोक सामंत, मुकेश चौधरी, सतीश शर्मा, दिलीप पासवान, मीरा झा, रीता शर्मा समेत अन्य मौजूद रहे।