प्रतिभाओं को निखारने में अग्रणी भूमिका निभा रहा सोना देवी विश्वविद्यालय
– साल 2023 में विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से प्रतिभाओं के पलायन पर लग गया है विराम
अमन शांडिल्य
जमशेदपुर : प्रतिभाओं को निखारने में किसी भी संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। घाटशिला के कितादीह में स्थित सोना देवी विश्वविद्यालय अपनी इस भूमिका को बखूबी निभा रहा है। साल 2023 में अपनी स्थापना के बाद से ही विश्वविद्यालय प्रतिभाओं को निखारने अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह हो रहा है कि प्रतिभाओं का पलायन रुक गया है, जो झारखंड राज्य स्थापना के बाद घाटशिला अनुमंडल से लगातार हो रहा था, लेकिन साल 2023 में विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद से प्रतिभाओं का पलायन रुक गया है।
पीएचडी जैसे उच्च स्तर के कोर्स भी हैं मौजूद
विश्वविद्यालय में मैट्रिक के बाद न केवल डिप्लोमा कोर्स बल्कि मास्टर डिग्री तक के कोर्स भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, पीएचडी जैसे उच्च स्तर के कोर्स भी विश्वविद्यालय में प्रदान किए जाते हैं। वर्तमान में, इस विश्वविद्यालय में 500 से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। विश्वविद्यालय 20 एकड़ से अधिक भूमि में फैला हुआ है और इसके पास एक विशाल खेल मैदान भी है। साथ ही, विश्वविद्यालय परिसर में 100 से अधिक फलदार पौधे भी लगाए गए हैं। घाटशिला परिसर में विश्वविद्यालय में 1 वर्ष के कुछ शॉर्ट टर्म कोर्स भी उपलब्ध हैं।
ई-कल्याण की सुविधा भी है उपलब्ध
पीजीडीसीए जैसे कोर्स के अलावा, विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के लिए ई-कल्याण की सुविधा भी उपलब्ध है। साथ ही, प्रत्येक वर्ष विद्यार्थियों को मेरिट स्कॉलरशिप की सुविधा भी प्रदान की जाती है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रभाकर सिंह ने बताया कि घाटशिला में विश्वविद्यालय की स्थापना का मुख्य उद्देश्य उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध कराना है। घाटशिला एक जनजातीय बहुल क्षेत्र है, जहां के बच्चे उच्च शिक्षा नहीं प्राप्त कर पाते और उनकी प्रतिभा वहीं रुक जाती है।
हमारे विश्वविद्यालय का उद्देश्य ऐसी प्रतिभाओं को निखारकर उन्हें योग्य बनाना है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस विश्वविद्यालय की स्थापना में घाटशिला के विधायक और वर्तमान में प्रदेश के शिक्षा एवं निबंधन मंत्री रामदास सोरेन का महत्वपूर्ण योगदान है। दो दिन पूर्व घाटशिला कॉलेज के कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि सोना देवी विश्वविद्यालय की अनुशंसा उन्होंने नहीं की थी, लेकिन आज यह विश्वविद्यालय स्थापित हो गया है और उन्हें इस बात की खुशी है। सोना देवी विश्वविद्यालय के वार्षिक समारोह में प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेने से यह साबित हो गया कि विश्वविद्यालय पर सरकार की विश्वास बनी है