ब्रह्मोस और बराक मिसाइलों से लैस, 56 KM/Hr की रफ्तार, इंडियन नेवी में शामिल होगा INS इंफाल
नई दिल्ली : सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस स्वदेश निर्मित स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस इंफाल’ को आज यानी 26 दिसंबर को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना में शामिल किया जा रहा है. अधिकारियों ने कहा कि युद्धपोत को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में मुंबई स्थित नौसेना की डॉकयार्ड में आयोजित एक समारोह में शस्त्र बल में शामिल किया जाएगा. बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल 90 डिग्री घूमकर हमला कर सकता है. आईएनएस इंफाल से हिंद महासागर में चीन की बढ़ती गतिविधियों के बीच भारत की समुद्री क्षमता मजबूत होगी. इम्फाल विध्वंसक पहला युद्धपोत है जिसका नाम उत्तर पूर्व के एक शहर के नाम पर रखा गया है. इसे राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और समृद्धि के लिए क्षेत्र के महत्व के रूप में भी देखा जा रहा है.
पोत का वजन 7,400 टन और कुल लंबाई 164 मीटर है. यह सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों और पोत विध्वंसक मिसाइलों तथा टॉरपीडो से लैस है. आईएनएस इंफाल ब्रह्मोस मिसाइल से लैस युद्धपोत है. स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, देश मे बना युद्धपोत है. इंफाल, 7400 टन वजनी, 163 मीटर लंबा है और इसमें 75 फीसदी सामग्री स्वदेशी है. इंफाल 56 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार से चल सकता है.
इंफाल के बनाने और उसके टेस्टिंग में लगा समय किसी भी भारतीय डिस्ट्रॉयर वॉरशिप के बनने में लगा सबसे कम वक्त है. इम्फाल की आधारशिला 19 मई, 2017 को रखी गई थी, और जहाज को 20 अप्रैल, 2019 को पानी में उतारा गया था. इम्फाल 28 अप्रैल को अपने पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना हुआ, और बंदरगाह और बंदरगाह दोनों में परीक्षणों का एक व्यापक कार्यक्रम पूरा कर लिया है. छह महीने की रिकॉर्ड समय सीमा के भीतर 20 अक्टूबर 2023 को इसकी डिलीवरी हो गई. इसके पहले भारतीय नौसेना में प्रोजेक्ट 15B के तहत बने INS विशाखापट्टनम को 21 नवंबर 2021 और INS मरमुगाओ को 18 दिसंबर 2022 को कमीशन किया गया था.