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    Home » बजट 2019ः रेलवे को रफ्तार देने के लिए पीपीपी मॉडल का होगा इस्तेमाल
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    बजट 2019ः रेलवे को रफ्तार देने के लिए पीपीपी मॉडल का होगा इस्तेमाल

    Devanand SinghBy Devanand SinghJuly 5, 2019No Comments2 Mins Read
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    नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में रेलवे की दशा-दिशा सुधारने के लिए पीपीपी मॉडल की घोषणा की है. इस दौरान रेल बजट को पेश करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि आदर्श किराया कानून बनाया जाएगा. इसके तहत रेलवे की आधारभूत सुविधाएं बढ़ाकर सुरक्षा पर जोर दिया जाएगा. इसके लिए वित्त मंत्री ने रेल ढ़ांचे के लिए 50 लाख करोड़ की जरूरत बताई.बजट 2019 में भारतीय रेलवे के रोडमैप का भी ज़िक्र है. यह बताता है कि 2019-20 में भारतीय रेलवे किस दिशा में आगे बढ़ेगी, कमाई बढ़ेगी या घटेगी, रेल मुसाफिरों को मिलेगी सुविधाएं या फिर निजी निवेश बढ़ेगा, ऐसे तमाम अहम सवालों के जवाब बजट में हैं.बजट में रेलवे स्टेशन पर आधारभूत सुविधाएं सुधारने पर ज़ोर दिया गया है. इसके लिए रेलवे स्टेशन पर लिफ्ट, एस्केलेटर, एलईडी लाइट और टॉयलेट जैसी सुविधाएं बढ़ाने का एलान हुआ है. वहीं कुछ स्टेशन पर यात्री सुविधा के विकास का काम प्राइवेट कंपनियों को सौंपने कानिर्णय भी प्रमुख है.क्या है ये पीपीपी- पीपीपी परियोजना का अर्थ है किसी भी परियोजना के लिए सरकार या उसकी किसी वैधानिक संस्था और निजी क्षेत्र के बीच हुआ लंबी अवधि का समझौता. इस समझौते के तहत शुल्क लेकर ढांचागत सेवा प्रदान की जाती है. इसमें आमतौर पर दोनों पक्ष मिलकर एक स्पेशल परपज व्हीकल (एसपीवी) गठित करते हैं, जो परियोजना पर अमल का काम करता है. दोनों पक्षों के बीच जिस समझौते पर हस्ताक्षर होते हैं, उसे मॉडल कंसेशन एग्रीमेंट कहा जाता है.

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