वैश्वीकरण हमें अवसर प्रदान कर रहा है लेकिन सामाजिक आसमानता को भी बढ़ा रहा है: डॉक्टर शुक्ला मोहंती
उक्त बातें डॉक्टर मोहंती ने इतिहास विभाग वर्कर कॉलेज में आयोजित सेमिनार मे कहीं। यह सेमिनार वैश्वीकरण और सामाजिक चुनौतियों के विषय में आयोजित किया गया था। कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर गंगाधर पांडे ने इससे एक ज्वलंत विषय बताते हुए कहा कि हमें इस समय अपने सामाजिक और धार्मिक क्रियाकलाप कोविड-19 के खतरे को देखते हुए निर्धारित करने चाहिए। रांची विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के डॉक्टर के. के .ठाकुर ने कहा कि प्राचीन काल एवं मध्ययुग में भी व्यापारिक मार्गों से महामारी का खतरा फैल सकता है. उन्होंने वैश्वीकरण के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभावों पर चर्चा की। रांची विश्वविद्यालय के इतिहास विभागध्यक्षा डॉ कमला गुप्ता ने कहा कि हमें अपने पुराने संस्कृति की ओर लौटना होगा और तभी आज के वैश्वीकरण के दुष्प्रभावों से हम अपने समाज को बचा पाएंगे .प्रोफेसर ए.के. मंडल ने टूटते परिवार और सामाजिक विसंगतियों के लिए वैश्वीकरण और पश्चिमी सभ्यता की अंधाधुन नकल को जिम्मेदार ठहराया ।
इस सेमिनार में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे और अपने प्रश्न अतिथियों के समक्ष रखें। इतिहास विभाग की डॉ नुपुर रॉय ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि हमारा देश सबसे प्राचीन सभ्यता और धार्मिक दर्शन से दुनिया को प्रकाशित कर सकता है. डॉ पुष्पा तिवारी और डॉक्टर श्वेता कुमारी भी इतिहास विभाग की ओर से कार्यक्रम में उपस्थित रहे. वर्कर्स कॉलेज प्राचार्य ने वैश्वीकरण की चुनौतियों से छात्राओं को अवगत कराते हुए खुद को तैयार करने की बात कही।