मुजफ्फरपुर: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुजफ्फरपुर के मोतीपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए लालू यादव और राबड़ी देवी के 15 साल के राज को याद किया। उन्होंने कहा कि उस समय हॉस्पिटल के बेड पर कुत्ते आराम करते थे अब मरीजों की भीड़ रहती है। नीतीश ने कहा कि देश को आगे बढ़ाने और बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने काम किया है। हम काम के आधार पर आपका समर्थन चाहते हैं। आपने बिहार में काम करने के लिए 13 साल मौका दिया है। हमने काम किया है। हमारा लक्ष्य रहा है कानून का राज कायम करना। न्याय के साथ विकास किया है। बिहार के हर हिस्से का विकास हुआ है।
याद करिए हमलोगों को काम करने का मौका मिला इससे पहले एक परिवार का राज था। 15 साल तक पति-पत्नी (लालू यादव और राबड़ी देवी) का राज था। किसी को शाम के बाद कहीं निकलने की हिम्मत नहीं होती थी। अब तो कानून का राज है। समाज में प्रेम और भाईचारे का वातावरण हो इसके लिए हमलोग कार्यरत हैं। पहले 12.5 फीसदी बच्चे स्कूल से बाहर रह जाते थे अब ऐसे बच्चों की संख्या एक फीसदी से कम है। उन्होंने 15 साल राज किया, लेकिन इस संबंध में न कुछ सोचा और न किया।
सरकारी अस्पताल में नहीं थे डॉक्टर
सरकारी अस्पताल में कोई इलाज नहीं करता था। न डॉक्टर बैठता था, न नर्स और न पारा मेडिकल का कर्मचारी। कोई इंतजाम नहीं रहता था। फरवरी 2006 में सर्वे कराया तो पता चला कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में औसतन 39 मरीज आते हैं। गरीबों को इलाज में अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा लगाना पड़ता था। हमने डॉक्टर, नर्स और पारामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था की। फ्री में दवा मिले इसका इंतजाम कराया। अब सब लोग इलाज कराने जाने लगे। 6-8 माह में स्थिति बदल गई 39 की जगह एक माह में औसतन 1-1.5 हजार मरीज इलाज कराने लगे। अब औसत 10000 तक पहुंच गया है। एक दिन में 300 से अधिक मरीज इलाज कराने जा रहे हैं।
नीतीश ने कहा कि क्या हालत रहता था पहले हॉस्पिटल का। जिला अस्पताल के बारे में मेरा अपना अनुभव है। मैं बिहारशरीफ के जिला अस्पताल गया था। तब मैं सांसद था। एक पत्रकार के साथ कुछ घटना घटी थी तो उनसे मिलने गया था। वह दूसरी मंजिल पर भर्ती था। जब मैं वहां गया तो धब की आबाज आई। देखा कि मरीज के लिए लगे बेड पर कुत्ता आराम कर रहा था। वह धब से कूदा। जिला अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं थे, कुत्ते आराम कर रहे थे। 15 साल पति-पत्नी का राज रहा कुछ नहीं किया। आज हालत ऐसी है कि जगह नहीं मिल रहा है। अब पेपर में छपता है कि जमीन पर रखकर मरीज का इलाज किया जा रहा है। अब बेड खाली नहीं रहता। बेड की संख्या भी बढ़ा रहे हैं।