रिश्तों की ताकत को अच्छी तरह पहचानते हैं: रघुवर दास
मुख्यमंत्री रघुवर दास के लिए रिश्ते हमेशा से अहम रहे हैं। फिर चाहे वो खून का रिश्ता हो या दोस्ती का। एक तरफ जहां वो अपने परिवार के साथ हर त्योहार मनाते नजर आते हैं तो दूसरी तरफ अपने पुराने दिनों के सहयोगियों के साथ मंडली जमाए भी। नामांकन दाखिल करने के दिन भी उन्होंने इन रिश्तों की गर्माहट को बनाए रखा। इस आपाधापी और कार्यकर्ताओं के हुजूम के बीच वो अपनी बड़ी बहन के घर पहुंचे।
जहां उन्होंने उनका चरण स्पर्श कर जीत का आशीर्वाद मांगा। इससे पहले उनकी धर्मपत्नी ने भगवा पट्टा पहना कर तिलक लगाया और आरती उतारी। जीत की अग्रिम बधाई देते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री को नामांकन के लिए विदा किया। यही नहीं जब मुख्यमंत्री शीतला माता मंदिर और सूर्य मंदिर पहुंचे थे तो उस दौरान उनके बेटे ललित और भाई-भतीजा भी साये की तरह उनके साथ नजर आए। नामांकन कार्यक्रम के दौरान श्री रघुवर दास के पुराने दिनों के कई साथी भी लगातार उनके साथ मौजूद रहे तो उन्होंने अपने पश्चिमी जमशेदपुर और जुगसलाई विधानसभा के साथी प्रत्याशियों के लिए भी अनुमंडल कार्यालय में इंतजार किया।