संतोष चौरसिया की रिपोर्ट
वीरपुर बेगूसराय
नौलागढ़ में बुधवार को ऐतिहासिक बजरंगबली महोत्सव उत्साह और उमंग के साथ शुरू हुआ। इसका उद्घाटन राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने किया। उन्होंने कहा कि बजरंगवली महोत्सव एक व्यक्ति में बुद्धि,विवेक और बल से पूर्ण होना सिखाता है। यह मेला जिले की सांस्कृतिक धरोहर है। इसे विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बेगूसराय केवल गेहूं की उपज की धरती नहीं बल्कि यह सांस्कृतिक व बौद्धिक भूमि है। यह प्रतिभाओं से समृद्ध जिला है। कहा कि नौलागढ़ जिले का गौरवपूर्ण विरासत है। इसे राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत का लोकतंत्र राम-कृष्ण से सीख कर मजबूत हो सकता है,कहीं बाहर के लोगों और महापुरुषों से सीखने की इसे जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों को जनता से निरंतर संवाद करते रहना चाहिए। तभी वे सही मायने में जनता के प्रतिनिधि हो सकते हैं। उन्होंने गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव देख कहा कि देश में शहरीकरण नहीं बल्कि गांवकरण होना चाहिए। शहरों की सभी सुविधाएं गांव में ही उपलब्ध कराना सरकार की जम्मेदारी है। जब गांव केंद्रित जनतंत्र होगा तभी देश का लोकतंत्र सफल होगा। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर कहा कि नौला के अस्पताल में शीघ्र ही डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी आने लगेंगे। लोगों को इलाज की सुविधा गांव में ही मिलेगी। नौला को पर्यटन स्थल का दर्जा देने के लिए हर सम्भव कोशिश की जाएगी। बछवाड़ा के विधायक सुरेन्द्र मेहता ने कहा कि नौलागढ़ ऐतिहासिक गांव है। इसका विकास होना चाहिए। मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष राज किशोर,जिला पार्षद शिल्पी कुमारी,प्रमुख मीना देवी,उप प्रमुख सुबोध कुमार पासवान,मुखिया ऋचा देवी,राजीव कुमार,भाजपा नेता रंजीत कुमार सिंह पप्पू,चुन्नू कुमार चंदन,पंसस अनामिका कुमारी,मुकुल प्रकाश,सरपंच विश्वनाथ पंडित आदि मौजूद थे।
ऐतिहासिक है नौला का बजरंगबली महोत्सव
वीरपुर। नौला का बजरंगबली मेला ऐतिहासिक है। ग्रामीण कहते हैं कि यह मेला 88 वर्षों से निरंतर हर वर्ष लग रहा है। इसकी शुरुआत 1934 के महाविनाशकारी भूकम्प के समय हुई थी। उस समय प्राकृतिक आपदाओं से पूरा बिहार संकट में था। प्लेग महामारी के कहर से भी हजारों लोग मारे गए थे। लोग इस आपदा से लोगों को बचाने के लिए भगवान की पूजा-अर्चना को ही अंतिम उपाय मान चुके थे। तब गांव के बुद्धिजीवियों ने धर्म का यह अलख जगाया था और बजरंगबली मेला का शुभारंभ किया था। तब से लगातार यहां हर वर्ष यह महोत्सव मनाया जाता है। बाद में यह स्थल आजादी के आंदोलन का भी केन्द्र रहा था।
ग्रामीणों ने रखी गांव की समस्याएं
वीरपुर। सरपंच विश्वनाथ पंडित ने ग्रामीणों की ओर से सांसद से गांव की कुछ मांगे रखी। इसमें नौलागढ़ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भवन निर्माण,शिक्षकों का पदस्थापन करने,नौला में डिग्री कॉलेज की स्थापना करने,गांव के स्वास्थ्य केंद्र को अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र के रूप में मान्यता देने आदि शामिल हैं।