जबलपुर. वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन द्वारा भारतीय रेलवे के निजीकरण के खिलाफ चलाये जा रहे जनआंदोलन में केंद्र सरकार को सीधी चेतावनी देते हुए कहा है कि रेल कर्मचारी किसी भी कीमत में भारतीय रेलवे को अडानी, अंबानी की रेलवे नहीं बनने देंगे, इसके लिए हर कदम उठाने यूनियन मजबूर होगी.
वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन द्वारा एआईआरएफ के आव्हान पर 14 सितम्बर से 19 सितम्बर 2020 तक निजीकरण के खिलाफ जन आन्दोलन किया जा रहा है. केन्द्रीय सरकार के द्वारा रेल निजीकरण, एन.पी.एस., मंहगाई भत्ते पर रोक लगाने के विरोध में आज मंगलवार 15 सितम्बर को सिगनल डिपो जबलपुर कोचिंग डिपो व रेलवे स्टेशन पर द्वारसभा का आयोजन किया गया. जिसमें सभी जगह बढ़-चढ़कर रेल कर्मचारियों ने हिस्सा लिया एवं अपना सहयोग प्रदान किया.
रेलवे के निजीकरण के विरोध में जन आन्दोलन के दूसरे दिन सोसल डिस्टेन्सिंग का पालन करते हुए पूरे जबलपुर मंडल मे यूनियन की समस्त शाखाओं द्वारा जन आन्दोलन किया गया. यूनियन की कटनी, सतना, सागर, एन.के.जे. दमोह एवं पिपरिया मे भी द्वारसभाओं एवं मैन टू मैन कान्टैक्ट करके रेल कर्मचारियों एवं आम नागरिकों को रेलवे निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे मे बताया गया .
109 रूटों पर 151 ट्रेन, 50 स्टेशनों को बेचने पर सरकार आमादा : लिटोरिया
यूनियन के मंडल सचिव का. नवीन लिटोरिया ने अपने उद्बोधन में कहा सरकार पूॅंजीपतियो के फायदे के लिए 109 रूटों पर 151 ट्रेनों एवं 50 स्टेशनों को बेचने पर आमादा है. इससे छात्रों, पत्रकारों, वरिष्ठ नागरिकों, गंभीर मरीजों, दिव्यांगों एवं गरीब आदमी का यात्रा करना काफी दुश्कर हो जायेगा. पूॅंजीपति हमेशा फायदा कमाने के लिए काम करेगा न कि इस देश की जनता की सेवा के लिये.
अन्य् सेक्टर्स का भी सरकार कर रही निजीकरण : बीएन शुक्ला
मंडल अध्यक्ष का. बी.एन. शुक्ला ने कहा कि सरकार रेलवे के कल-कारखानों, पब्लिक सेक्टर की 26 कंपनियों एवं भेल, तेल, सेल, एलआईसी महारत्न, नवरत्न कंपनियों, कोल इंडिया व सभी सरकारी संस्थाओं को जल्दी से जल्दी बेच देना चाहती है. सरकार सभी प्रकार की जिम्मेदारी से बचना चाहती है. यदि ऐसा ही चलता रहा तो कोरोना की आड़ लेकर वर्तमान सरकार देश की सभी परिसम्पत्तियों को पूॅजीपतियों के हाथों गिरवी रख देगी एवं एक-एक कर बेच देगी. यह बहुत खतरनाक स्थिति होगी. ऐसा उत्पीडऩ का दौर आयेगा, जिसकी लोगो ने कल्पना नहीं की होगी. वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन के का. मुकेश गालव के नेतृत्व में इस निजीकरण का पुरजोर विरोध करेगी एवं इसे होने नहीं देगी. निजीकरण से इस देश के युवाओं का भविष्य बरबाद हो जायेगा. आज की द्वार सभा में का. जरनैल सिंह, प्रहलाद सिंह, का. रोमेष मिश्रा, का. सुशान्त नील, का. राकेश पाण्डेय, का. रवि गौतम, का. नीरज का. आर.के. सिंह, अंकित पाण्डेय व सैकड़ो रेल कर्मचारी उपस्थित रहे.