नई दिल्ली. कोरोना संकट से उत्पन्न संकट को देखते हुये केन्द्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज के तहत बैंकों ने एमएसएमई उपक्रमों के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत अब तक 42 लाख इकाइयों को 1.63 लाख करोड़ रुपये का लोन मंजूर किया है.
वित्त मंत्रालय ने रविवार को जानकारी देते हुये कहा कि इस योजना के तहत 10 सितंबर तक 25 लाख एमएसएमई को 1.18 लाख करोड़ रुपये का लोन वितरित किया जा चका है. कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए लागू लॉकडाउन से एमएसएमई इकाइयां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. यह योजना वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मई में घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज का सबसे बड़ा हिस्सा है.
वित्त मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि 10 सितंबर तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों तथा शीर्ष 23 निजी क्षेत्र के बैंकों ने इस योजना के तहत 42,01,576 इकाइयों को 1,63,226.49 करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज मंजूर किया है. इसमें से 25,01,999 इकाइयों को 1,18,138.64 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जा चुका है.
वित्त मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित अन्य योजनाओं का ब्योरा साझा करते हुए बयान में कहा गया है कि बैंकों ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, आवास वित्त कंपनियों तथा सूक्ष्म वित्त कंपनियों के लिए 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना 2.0 के तहत 25,055.5 करोड़ रुपये के पोटज़्फोलियो की खरीद की मंजूरी दी है.
बैंक अभी 4,367 करोड़ रुपये के अतिरिक्त पोर्टफोलियो के लिए मंजूरी-बातचीत की प्रकिया है. विभाग ने एक अप्रैल 2020 से 8 सितंबर, 2020 के दौरान 27.55 लाख करदाताओं को 1,01,308 करोड़ रुपये का कर रिफंड जारी किया है.