शिमला. नगालैंड के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व सीबीआई डायरेक्टर रहे अश्वनी कुमार ने बुधवार को फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. पुलिस सूत्रों के अनुसार शिमला स्थित ब्राकहास्ट में उनके आवास में पूर्व आईपीएस अधिकारी अश्वनी कुमार का शव लटका पाया गया. उन्होंने यह कदम क्यों उठाया, इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आई है. फिलहाल पुलिस ने उनके शव को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. शिमला पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
शिमला के एसपी मोहित चावला ने बताया कि पूर्व राज्यपाल का शव ब्राकहास्ट इलाके में निजी आवास में लटका हुआ पाया गया था. जानकारी के अनुसार पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें लिखा है कि “जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हुं.” सूत्रों का भी कहना है कि अश्विनी कुमार पिछले कुछ समय से डिप्रेशन में चल रहे थे. हालांकि पुलिस ने अभी इस तरह की कोई पुष्टि नहीं की है.
खुदकुशी की इस घटना से हर कोई स्तब्ध है. 70 वर्षीय अश्वनी कुमार का जन्म सिरमौर के जिला मुख्यालय नाहन में हुआ था. भारतीय पुलिस सेवा में चयन होने पर उन्हें हिमाचल प्रदेश कैडर ही अलॉट हुआ था. वह साल 1985 में शिमला के एसपी भी रहे. एसपीजी के गठन के बाद उन्होंने वहां भी 1990 तक काम किया. उसके बाद वह राज्य के पुलिस महानिदेशक भी बने. फिलहाल उनकी अचानक इस तरह मौत से हर कोई हैरान है. 2006 से 2008 तक वह हिमाचल के डीजीपी भी रहे. अगस्त, 2008 से नवंबर, 2010 के बीच वह सीबीआई के डायरेक्टर रहे थे. वह सीबीआई के पहले ऐसे प्रमुख रहे, जिन्हें बाद में राज्यपाल बनाया गया था. मार्च, 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. हालांकि वर्ष 2014 में उन्हाेंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था. इसके बाद वह शिमला में एक निजी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर भी रहे.