नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बुधवार 26 जून को राज्यसभा में कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा के बाद सदन में अपनी बात रखते हुए कहा कि कांग्रेस के हारने का मतलब देश की हार नहीं है. उन्होंने प्रतिप्रश्न करते हुए कहा कि हार गई तो क्या देश हार गया..?पीएम मोदी ने कहा कि पहले से अधिक जनसमर्थन और विश्वास के साथ हमें दोबारा देश की सेवा करने का अवसर देशवासियों ने दिया है. मैं सबका आभार प्रकट करता हूं. दशकों बाद देश ने एक मजबूत जनादेश दिया है, एक सरकार को दोबारा फिर से लाए हैं और पहले से अधिक शक्ति देकर लाए हैं. भारत जैसे लोकतंत्र में हर भारतीय के लिए गौरव का विषय है कि हमारा मतदाता कितना जागरूक है. देश के लिए निर्णय करता है, यह चुनाव में साफ साफ नजर आया. 2019 का चुनाव एक प्रकार से दलों से परे देश की जनता लड़ रही थी. जनता खुद सरकार के कामों की बात लोगों तक पहुंचाती थी. जिसे लाभ नहीं मिला वो भी ये बात करता था कि उस व्यक्ति को लाभ मिल गया है अब मुझे भी मिलने वाला है. इस विश्वास की एक अहम विशेषता है.
क्या वायनाड और रायबरेली में हिंदुस्तान हार गया?
पीएम मोदी ने विपक्ष को घेरते हुए कहा कि इतने बड़े जनादेश को कुछ लोग ये कह दें कि आप तो चुनाव जीत गए, लेकिन देश चुनाव हार गया. मैं समझता हूं कि इससे बड़ा भारत के लोकतंत्र और जनता जनार्दन का कोई अपमान नहीं हो सकता. मैं पूछना चाहूंगा कि क्या वायनाड में हिंदुस्तान हार गया क्या? क्या रायबरेली में हिंदुस्तान हार गया? क्या बहरामपुर और तिरुवनंतपुरम में हिंदुस्तान हार गया क्या? और क्या अमेठी में हिंदुस्तान हार गया? मतलब कांग्रेस हारी तो देश हार गया क्या? अहंकार की भी एक सीमा होती है. 55-60 वर्ष तक देश को चलाने वाला एक दल 17 राज्यों में एक भी सीट नहीं जीत पाया तो क्या इसका मतलब ये हुआ कि देश हार गया?
ईवीएम से बढ़ी लोकतंत्र की ताकत
पीएम मोदी ने कहा कि ईवीएम के खिलाफ पूरा माहौल बनाया गया. हम भी मानने लगे थे कि कुछ तो गड़बड़ है, लेकिन वीवीपैट ने ईवीएम की ताकत को बढ़ाया. न्यायपालिका ईवीएम को हरी झंडी दिखा चुकी है. जब स्वयं पर भरोसा नहीं होता है, सामर्थ्य का अभाव होता है, तब फिर बहाने ढूंढे जाते हैं. हर चीज में विपक्ष नकारात्मकता दिखाता है. आत्मचिंतन करने और अपनी गलतियों को स्वीकारने की जिनकी तैयारी नहीं होती वो फिर ईवीएम पर ठीकरा फोड़ते हैं. जिससे अपने साथियों को बताया जाये कि देखो, देखो हम तो ईवीएम के कारण हारे.