संतोष वर्मा
चाईबासा। जल शक्ति अभियान के तहत आज सदर प्रखंड अंतर्गत नरसंडा पंचायत के ग्राम बाईहातू में मदर टेरेसा चैरिटी के सामने तालाब निर्माण योजना में श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया गया। ज्ञातव्य है कि दिनांक 1-7-2019 से 15-09- 2019 तक जल शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान वर्षा जल संचय से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी संदर्भ में आज श्रमदान कार्यक्रम का आयोजन बाईहातू ग्राम में किया गया। जिला उपायुक्त अरवा राजकमल, आरक्षी अधीक्षक इंद्रजीत महथा, उप विकास आयुक्त आदित्य रंजन, जिला 20 सूत्रीय अध्यक्ष सहित जिले के तमाम वरीय पदाधिकारी गण, क्षेत्र की मुखिया और बड़ी संख्या में पुलिस बल के जवानों, जिले ,प्रखंड एवं अंचल के कर्मचारियों और ग्रामीणों ने श्रमदान किया।
इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए जिला परिषद अध्यक्ष लालमुनी पूर्ति ने कहा कि आज पूरे जिले में जल संचयन के कार्य को प्रारंभ किया जा रहा है। इसमें जिले के जनप्रतिनिधि, पदाधिकारी, सभी विभागों के कर्मचारी और आम लोग मिलकर पूरी ईमानदारी के साथ श्रमदान करेंगे और सरकार की सोच को साकार करेंगे।उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का यह संकल्प है कि हर खेत में पानी हो और किसी व्यक्ति को पानी की समस्या से जूझना ना पड़े। इसके लिए हम सभी को मिलकर यह प्रण लेना चाहिए कि हम पानी के संचयन के लिए गांव-गांव में गड्ढा खोदकर वर्षा जल का संचयन करेंगे। हम सब मिलकर जल की एक-एक बूंद को संचित करेंगे।
मॉनसून के जल को व्यर्थ नहीं जाने देंगे इसे धरा में सहेज कर अपनी आगे आने वाली पीढ़ी के लिए रखेंगे।
*जल से ही यह धरा , सृष्टि और जीवन संचालित है*
जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने हमारे वर्तमान और भविष्य के लिए इतनी उत्तम सोच रखते हुए इस भगीरथ कार्य को करने का संकल्प लिया है। जल से ही यह धरा , सृष्टि और जीवन संचालित है । हम सभी का यह दायित्व बनता है कि सरकार के इस प्रयास को अमलीजामा पहनाने के लिए पूरी दृढ़ता के साथ अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें।
*जल शक्ति अभियान को जन अभियान का स्वरूप देते हुए जिले में अनूठे और नवाचारी कार्य करेंगे*
लोगों का आह्वान करते हुए श्रीमती लाल मुनी पूर्ति ने कहा कि आइए हम सब मिलकर जल संचयन का जमीनी स्तर पर कार्य करने के लिए एक साथ श्रम-दान करें। जन-जन की असीमित प्राण ऊर्जा से जल की अनंत शक्ति का संचयन करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि पूरे जिले के हर प्रखंड, पंचायत और गांव में सब मिलकर कार्य करेंगे और इस जल -शक्ति अभियान को सफल बनाएंगे। इस जल शक्ति अभियान को जन अभियान का स्वरूप देते हुए हम अपने जिले में अनूठे और नवाचारी कार्य करेंगे।
*झारखंड सरकार के खनन सचिव सह जलशक्ति अभियान के लिए जिला के प्रभारी पदाधिकारी श्री अबू बकर सिद्दीकी पी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और राज्य के मुख्यमंत्री ने अगले ढाई महीने में जल संचयन को एक जन आंदोलन बनाने का फैसला किया है। जन-जन को इसमें शामिल होने और जोड़ने का आह्वान खनन सचिव ने किया। सचिव ने कहा कि जनशक्ति से जल शक्ति अभियान एक साथ दो संदेश देता है- श्रमदान और जल संचय का।*
*संविधान ने तय की है हमारी जवाबदेही*
खनन सचिव ने कहा कि सरकार से हमें क्या मिलेगा और सरकार हमें क्या फायदा देगी यही एक सोच हमारे बीच में बनती जा रही है। संविधान में हम सभी नागरिकों की देश के प्रति कुछ जवाबदेही और कर्तव्य भी हैं। देश और समाज के प्रति कुछ करने का यह एक अवसर है। श्रमदान से मायने यह लगाना चाहिए कि हम भी अपने देश, गांव और समाज के विकास में शामिल हैं। हमारी पंचायत के विकास में हमारा भी योगदान है और जिले के विकास में प्रशासन के साथ-साथ हम अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं। देश के महान लोगों ने हमें जो देश दिया है इस देश को आगे लेकर जाने की जवाबदेही हम सभी के ऊपर है। श्रमदान को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए । जब भी मौका मिलता है समाज के लिए कुछ काम जरुर करना चाहिए। छोटे से छोटे काम से समाज गढ़ता है। सभी कामों में अपनी हिस्सेदारी बनाते हुए देश को बनाने में सहयोग करने की जरूरत है। जल संचयन हमारे लिए, हमारे भविष्य के लिए जरूरी है।
*कई देशों में बढ़ रही है पानी की किल्लत*
सचिव ने कहा कि पानी की किल्लत कई देशों में बढ़ती जा रही है। चाहे पीने का पानी हो या कृषि कार्य में सिंचाई के लिए पानी की बात हो, पानी की काफी किल्लत पूरे विश्व में बढ़ती जा रही है। राज्य में और देश में कई ऐसे इलाके हैं जहां पानी के लिए लोग तड़प रहे हैं । आए दिन यह सब बातें अखबारों के माध्यम से पढ़ने में आती हैं । इसका मुख्य कारण पानी के स्रोत की कमी है।
*मॉनसून वर्षा के जल को घर-घर में संचित करें*
खनन सचिव ने कहा कि बरसात में हमें जल वर्षा के रूप में बहुत सारा जल प्राप्त होता है जिसमें से 80-90% जल बहकर बर्बाद हो जाता है। इस जल को संचय करने के लिए अपनी संस्कृति का हिस्सा बनाना चाहिए । *अपने घर में छत से जो पानी आता है उसी को छोटा सा सोक पिट बनाकर अपने क्षेत्र के जल को बचाएं। अपने अगल-बगल का पानी जो बरसात में बह जाता है उसको भी दिशा देकर किसी तालाब में बहा दें। छोटे-छोटे काम करके भी बहुत जल संचय कर सकते हैं।* अगले दो ढाई महीने में जल संचय के लिए श्रमदान को महा अभियान का रूप देते हुए सभी लोगों को इसमें भागीदारी करने की जरूरत है।
*पानी और पौधे साथ-साथ बढ़ेंगे*
अपने भविष्य को सुरक्षित रखने और आगे आने वाले पीढ़ी के सुखद भविष्य के लिए यह जरूरी है। सतत समावेशी विकास को सुनिश्चित करने के लिए भी यह जरूरी है । आज हमारा काम हो और आगे आने वाली पीढ़ी का भी काम हो सभी की जरूरतें पूरी होनी चाहिए। सभी पेड़ लगाएं और पानी संचयन करें तभी इस दुनिया और आने वाली पीढ़ी के लिए अच्छा होगा। आज का जल संचय आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य के लिए एक सहयोग है। हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि कम से कम अपने घर में जो पानी आता है उसको बर्बाद नहीं होने देंगे। जल का संचयन करेंगे और अपने इर्द-गिर्द में पौधे लगाएंगे ताकि पानी और पौधे एक साथ बढ़ते रहें।
जल शक्ति अभियान को पूरे जिले के सभी प्रखंडों और पंचायत स्तर पर भी एक महा अभियान के रूप में मनाया गया। विभिन्न पंचायतों में पदाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जल संचय के लिए श्रमदान किया।