[ जमशेदपुर के वरिष्ठ आनंद मार्गी जाने-माने समाजसेवी एवं अधिवक्ता गिरजा शंकर जयसवाल जी का निधन टाटा मुख्य अस्पताल में अचानक तबीयत खराब होने के कारण हो गया
गिरजा शंकर जयसवाल जी आनंद मार्ग के दर्शन से प्रभावित होकर आनंद मार्ग के स्थापना काल में ही आनंद मार्ग की दीक्षा लिए वे उस समय हजारीबाग के प्रथम भुक्ती प्रधान बनाए गए वे अध्यात्मिक एवं सामाजिक दर्शन ज्ञान का प्रचार करते हुए समाज में पीड़ित मानवता की सेवा करने के लिए एक स्वयंसेवी संस्था फ्री लीगल एड कमिटी का गठन किए एवं आजीवन कमेटी के महासचिव रहे फ्री लीगल एड कमिटी मानव अधिकार संबंधी अनेक लड़ाईया लडी उनमें जीत हासिल की खासकर *अंधविश्वास विरोधी डायन प्रताड़ना पर अपना ध्यान केंद्रित किया डायन प्रताड़ना निषेध कानून बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही इस कानून को झारखंड सरकार ने लागू किया इसकी ड्राफ्टिंग सीनियर अधिवक्ता गिरजा शंकर जयसवाल जी ने ही की थी* , 2005 जमशेदपुर तांडव नृत्य मामले में आनंद मार्ग की ओर से अधिवक्ता के रूप में गिरजा शंकर जयसवाल जी ने अपनी अहम भूमिका निभाई एवं जीत हासिल की ,कानून से संबंधित शोध करने के संबंध में उन्होंने कई बार विदेश भी गए
गिरजा शंकर जयसवाल जी की धर्मपत्नी श्रीमती प्रभा जयसवाल जी भी जमशेदपुर की जानी-मानी महिला समाजसेवी है आदर्श सेवा संस्थान संस्था के माध्यम से बच्चों एवं बाल मजदूरी को लेकर काम कर रही है
*स्वर्गीय गिरजा शंकर जयसवाल जी का दाह संस्कार सरकार के निर्देशानुसार आनंद मार्ग पद्धति से किया जाएगा*