न्यूयॉर्क: कोरोना वायरस एक अदृश्य दुश्मन की तरह विश्व के सामने आ खड़ा हुुुुआ है और डॉक्टर और नर्सें फ्रंट लाइन पर यह लड़ाई लड़ रहे हैं. इनको इस बात का एहसास है कि इनकी जरा-सी लापरवाही इन्हें भी इस वायरस का शिकार बना देगी. जहां चीन में 3,300, स्पेन में 12 हजार, इटली में 5 हजार से ज्यादा मेडिकल स्टाफ इस बीमारी की चपेट में आ चुका है. वहीं दुनिया भर में 300 से ज्यादा डॉक्टरों की मौत इस बीमारी की वजह से हो चुकी है.इस बाबत मेडिकल स्टाफ ने कोरोना के खिलाफ अपनी इस लड़ाई के बारे में बताया कि वे किस तरह इससे लड़ रहे हैं. नर्स क्रिश्चियन फेल्डरन बताती हैं, मैं दिन ढलते ही पूरी रात ड्यूटी के लिए घर से निकल पड़ती हूं. बेटे को अलविदा कह कर और मास्क से अपने चेहरे को पूरी तरह ढक कर. अपने इस मास्क के सामने मैंने वॉरियर्स यानी योद्धा लिख लिया है. क्योंकि हम एक युद्ध ही तो लड़ रहे हैं.वह कहती हैं, हम एक अनजाने, अदृश्य और अप्रत्याशित दुश्मन से लड़ रहे हैं. मैं 15 साल से न्यूयॉर्क के एक हॉस्पिटल के आईसीयू में काम कर रही हूं. मगर ऐसा डर का माहौल पहले कभी नहीं देखा. ऐसा लग रहा है कि जैसे मैं किसी अन्य देश में हूं. इस वायरस से लड़ाई ने हमें शारीरिक और भावनात्मक दोनों ही तरह से तोड़ दिया है. मेरी यूनिट में हर रोज लोग दम तोड़ रहे हैं. रोज सैकड़ों मौतें हो रही हैं. यहां क्षमता से ज्यादा मरीज हैं. इनमें कई लोगों को वेंटिलेटर की जरूरत है. मगर उन्हें नहीं मिल पा रहे हैं. हालात बहुत खराब हैं.ब्रोंक्स के जैकोबी मेडिकल सेंटर की नर्स थॉमस रिले कोविड-19 वायरस के संक्रमण से ग्रसित हैं. इस दौरान आ रही उपकरणों की कमी पर वह कहती हैं, मुझे ऐसा लगता है कि हम सभी को मरने के लिए स्लाटर हाउस भेजा जा रहा है. इसी सेंटर में एक अन्य नर्स केली कैबरेरा कहती हैं कि मुझे ऐसा लग रहा है कि किसी सुसाइड मिशन के लिए भेजे गए हैं. वह बताती हैं कि हमारे साथ काम करने वाली एक नर्स की मौत पिछले हफ्ते हो चुकी है.