रांची. झारखंड विधानसभा से सरना आदिवासी धर्म कोड पारित होने के बाद अब इसे लागू कराने को लेकर आदिवासी संगठन लामबंद हो रहे हैं. केंद्र सरकार से इसे 30 नवंबर तक लागू करने की मांग कर रहे हैं. ऐसा नहीं करने पर वे आंदोलन का अल्टीमेटम दे रहे हैं. केंद्रीय सरना समिति ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है और पंचायतों का दौरा कर लोगों को एकजुट किया जा रहा है.
केंद्रीय सरना समिति एवं अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने सरना कोड को लेकर रेल रोड चक्का जाम को लेकर अनगड़ा प्रखंड की बोगंई बेड़ा पंचायत का दौरा किया. जिसमें सरना ढिपा, बानपुर, बूढ़ी बेड़ा, बूंगाई बेड़ा आदि गांव का दौरा कर 6 दिसंबर से रेल-रोड चक्का जाम को लेकर जनसंपर्क अभियान चलाया. केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि लोग अपने हक व अधिकार के लिए जागरूक हो चुके हैं. आदिवासी समाज आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं.
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि 2021 में हर हाल में सरना आदिवासी धर्म कोड लागू कराना है. यदि भारत सरकार 30 नवंबर तक सरना धर्म कोड लागू नहीं करती है तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा. 1 दिसंबर 2020 को मोटरसाइकिल रैली व कार रैली एवं 6 दिसंबर 2020 को राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम किया जाएगा.
केंद्रीय सरना समिति के महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि कुछ लोग सरना कोड विधानसभा से पारित होने को ही सरना कोड मिल गया है, समझ रहे हैं, लेकिन अभी वास्तविक लड़ाई बाकी है. जब तक केंद्र सरकार इसको लागू नहीं करती है तब तक हमारा उद्देश्य पूरा नहीं होता.
मौके पर केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष प्रशांत टोप्पो, रांची महानगर अध्यक्ष विनय उरांव, सदस्य सूरज तिग्गा, प्रमोद एक्का, देव तिर्की, बोंगई बेड़ा पंचायत की मुखिया मालती मुंडा, सवना मुंडा, बानपुर के ग्राम प्रधान सोमरा टोप्पो, गंगा मुंडा, अनूप मुंडा, मनसा मुंडा एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित थे.