कंधार. तालिबान ने कहा कि वह महिलाओं को इस्लाम के तहत उनके अधिकार देने के लिए पूरी तरह से तैयार है. बीस साल के बाद फिर से अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुए इस्लामिक समूह ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘तालिबान महिलाओं को इस्लाम के आधार पर उनके अधिकार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. महिलाएं स्वास्थ्य क्षेत्र और अन्य क्षेत्रों में काम कर सकती हैं जहां उनकी जरूरत है. महिलाओं के खिलाफ कोई भेदभाव नहीं होगा.’इसके साथ ही तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि उन्होंने 20 साल के संघर्ष के बाद अपने देश अफगानिस्तान को आजाद कराया है. इतना ही नहीं, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाया कि अफगानिस्तान में किसी को नुकसान नहीं होगा. तालिबान ने कहा, ‘काबुल में दूतावासों की सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है. हम सभी विदेशी देशों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारे बल सभी दूतावासों, मिशनों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और सहायता एजेंसियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वहां मौजूद हैं.’तालिबान ने आगे कहा कि हम कोई आंतरिक या बाहरी दुश्मन नहीं चाहते, हम बहुत ऐतिहासिक चरण में हैं. उन्होंने अफगानिस्तान में अपने संघर्ष को सही ठहराया और कहा कि हमें अपने धार्मिक नियमों पर कार्रवाई करने का अधिकार है. अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान ने यह भी कहा कि वे बदले की भावना से काम नहीं करेंगे. उन्होंने कहा, ‘हम एक ऐसी सरकार स्थापित करना चाहते हैं जिसमें सभी पक्ष शामिल हों.