भाजपा में सतीश सिंह की वापसी की आहट से ही युवाओं में जोश कोल्हान में भाजपा को उम्दा प्रदर्शन करना है तो जमीनी कार्यकर्ताओं को लाना होगा आगे
धीरज कुमार सिंह
मोदी विरोधी शक्तियां अगर एकता की मुहिम को लेकर वाकई संजीदा हैं, तो भाजपा उनसे भी गंभीर है पूरे देश में भाजपा बिछड़े हुए साथियों को फिर से एक करने की मुहिम में जुटी है इसी क्रम में गुटबाजी को खत्म करते हुए भाजपा ने झारखंड के दिग्गज पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को केंद्र में जगह दी तो पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को उड़ीसा का राज्यपाल बनाकर एक तरह से गुटबाजी पर विराम लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को झारखंड की राजनीति में खुल कर राजनीति करने की छूट दी है और बाबूलाल मरांडी 2019 में भाजपा छोड़ कर गए दिग्गजों को पार्टी में लाने की मुहिम तेज कर दी है
इसी कड़ी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दौरे के बाद
राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्य समिति सदस्य सतीश सिंह की भाजपा में वापसी की आहट से जमशेदपुर के युवाओं में जोश देखने को मिल रहा है
ज्ञात हो की सतीश सिंह पार्टी से 2019 में निष्कासित होने के बाद भी पर्दे के पीछे से नरेंद्र मोदी यूथ ब्रिगेड के माध्यम से लगातार पार्टी के लिए समर्पित रहे हैं सतीश सिंह पार्टी से निष्कासित होने के बाद भी कभी भी पार्टी के विरोध में ना तो कोई बयान दिया और ना ही पार्टी विरोधी कोई काम किया बल्कि पार्टी द्वारा दी गई सजा को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी के लिए निस्वार्थ भाव से कार्य करते रहे सतीश सिंह के पार्टी से जुड़ाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कम उम्र होने के बावजूद राम जन्मभूमि आंदोलन में सतीश सिंह ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था
एक समय था जब जमशेदपुर के युवा सतीश सिंह को प्रेरणास्रोत मानते थे अब भाजपा में फिर से वापसी की आहट हुई है तो माना जा रहा है कि युवाओं में एक अलग उत्साह आएगा और भाजपा को मजबूती भी मिलेगी 2014 के इलेक्शन से पहले सतीश सिंह ने नरेंद्र मोदी यूथ ब्रिगेड बना डाला था और हजारों की संख्या में युवाओं को जोड़ पूर्वी और पश्चिम की सीटो में जीत दर्ज कराई जिसमे की ब्रिगेड की सोशल मीडिया पर 10000 से भी ज्यादा फेन फॉलोवर्स हे 2024 के चुनाव में अगर भाजपा को कोल्हान में उम्मीद से उम्दा प्रदर्शन करना है तो जमीनी नेतृत्व को आगे लाना होगा