एलायंस इंडिया के साहस प्रोजेक्ट के साथ मिलकर उत्थान सीबीओ ने कम्युनिटी एडवायजरी बोर्ड की मीटिंग का किया आयोजन, ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और चुनौतियों पर हुई चर्चा
एलायंस इंडिया के साहस प्रोजेक्ट के साथ मिलकर उत्थान सीबीओ ने बिष्टुपुर सेंटर प्वाइंट लेमन ट्री में कम्युनिटी एडवायजरी बोर्ड (CAB)की मीटिंग का आयोजन किया.इस मीटिंग में बोर्ड के सदस्य पूर्वी घोष, रितिका श्रीवास्तव, अन्नी अमृता,उषा सिंह और अन्य ने भाग लिया.इस मौके पर ट्रांसजेंडर समुदाय के अधिकारों और चुनौतियों पर चर्चा हुई.
चर्चा में यह बात सामने आई कि 2014के नालसा जजमेंट और उसके बाद आए ट्रांसजेंडर एक्ट के बावजूद झारखंड में धरातल पर बहुत कार्य नहीं हो पाए हैं.कहने को तो ट्रांसजेंडर वेलफेयर बोर्ड बन गया है लेकिन जमशेदपुर समेत राज्य के विभिन्न इलाकों में समुदाय के लिए आश्रय गृह अब तक नहीं बने हैं.जमशेदपुर में तो आश्रम गृह देकर फिर वापस ले लिया गया.उत्थान सीबीओ की सचिव अमरजीत सिंह ने अपनी कठिनाइयां साझा करते हुए बताया कि सबसे बड़ी चुनौती है ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों की कार्यक्रमों में भागेदारी सुनिश्चित करना.कई सदस्य ‘बधाई’ के अपने पारंपरिक कार्यों को छोड़कर महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और बैठकों में आना नहीं चाहते हैं
जबकि समुदाय के लिए ही ये कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं.साथ ही प्रशासन और सरकार का भी उतना सहयोग नहीं मिल रहा है.पत्रकार अन्नी अमृता ने कार्यक्रम में मौजूद ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को जानकारी दी कि किसी भी प्रकार की उत्पीड़न की स्थिति में महिलाओं के लिए राज्य और जिले में बने अस्थाई आश्रय स्थल वन स्टाॅप सेंटर में ट्रांस महिलाएं भी जा सकती हैं.
उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय को अपने अधिकारों के लिए एक होकर और ज्यादा मुखर होने की सलाह दी.अन्नी ने कहा कि चुनौतीपूर्ण माहौल में भी सबको मिलकर लगातार सरकार का ध्यान ट्रांसजेंडर समुदाय के हित की तरफ आकृष्ट करना होगा.
कार्यक्रम में एडवोकेट रविन्द्र,एक्सआईटी से आशीष, उत्थान से अर्पित पांडेय, हिमांशी,बेबो किन्नर,करीना किन्नर,सामाजिक कार्यकर्ता सुष्मिता, नीतू दुबे,कमलेश और अन्य मौजूद थे.