घाटशिला कॉलेज में दो दिवसीय विज्ञान दिवस समारोह संपन्न
राष्ट्र संवाद संवाददाता
घाटशिला
घाटशिला महाविद्यालय में प्राचार्य डॉ आर के चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह के दूसरे दिन सी. वी रमन के जीवन एवं विज्ञान दिवस विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वैज्ञानिक सी वी रमन के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।अपने स्वागत वक्तव्य में रसायन विज्ञान के अध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सज्जाद ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पालन करना चाहिए, अपने अंदर वैज्ञानिक चिंतन विकसित करना चाहिए। तत्पश्चात वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष डॉ संजेश तिवारी ने विद्यार्थियों के अंदर जागरूकता पैदा करने के लिए वन संरक्षण के ऊपर विभिन्न स्लाइड प्रस्तुत किया। उन्होंने स्लाइड के माध्यम से मानवीय जीवन में पेड़ों की उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया।
फिजिक्स डिपार्टमेंट के अध्यक्ष डॉ कन्हाई बारिक ने सीवी रमन के जीवन एवं विज्ञान दिवस के ऊपर स्लाइड प्रदर्शित किया और उसके माध्यम से बताया कि विज्ञान कोई विषय मात्र नहीं है, यह एक वस्तुनिष्ठ सोच पद्धति है। वैज्ञानिक जो कहते हैं वह विज्ञान नहीं है, उनकी कही बातें अगर परीक्षण के बाद प्रमाणित होता है, तब उस सोच को हम वैज्ञानिक सोच कह सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि सीवी रमन का विज्ञान के प्रति रुचि इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपना स्थाई आईएफएससी की नौकरी छोड़ अस्थाई कम वेतन वाले अध्यापक की नौकरी कोलकाता में ज्वाइन कर ली। सीवी रमन ने पूरे जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का पालन करते हुए उच्च स्तरीय शोध कार्य संपन्न किया। इसी के बदौलत गुलाम भारत में बिना आधुनिक यंत्र के भी विश्व स्तरीय खोज किया। उनके चलते हमारे देश को पहली बार भौतिकी में 1930 ईस्वी में नोबेल पुरस्कार मिला।
शिक्षिका मल्लिका शर्मा ने कार्यक्रम में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए शपथ दिलवाया।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर छात्रों ने लिया शपथ
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर सबों ने शपथ लिया कि वे अपने व्यावहारिक जीवन और सोच में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक जिम्मेदारी से प्रेरित रहेंगे। अपने आस-पास के लोगों, रिश्तेदारों और दोस्तों को अवैज्ञानिक विचारों और अंधविश्वासों से मुक्त रहने के लिए प्रेरित करेंगे। अवैज्ञानिक सोच, सांप्रदायिकता, जातिवाद, पितृसत्ता और कट्टरता के प्रसार के खिलाफ खड़ा रहेंगे तथा विज्ञान, वैज्ञानिक सोच और सत्य पर आधारित आधुनिक दृष्टिकोण का झंडा बुलंद करेंगे।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्राचार्य डा आर के चौधरी ने कहा कि अभी भी हमारे ग्रामीण क्षेत्रों के बहुत सारे लोग सांप काटने से डॉक्टरों के पास ले जाने की वजाय झाड़ फुक पर ज्यादा विश्वास करते हैं। लोग बीमार पड़ने से ओझा गुनी के पास पहले ले जाते हैं और जब समाधान नहीं होता तो अंतिम समय पर डॉक्टर के पास मजबूरन ले जाते हैं। इस कारण जान चली जाती हैं। हमें अपने अंदर से अंधविश्वास को खत्म कर वैज्ञानिक सोच को लाना है ताकि समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण फैल सके तथा विकसित राष्ट्र बनाने में सफल हो सकें।
कार्यक्रम में बुधवार को हुई क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को प्राचार्य डॉ चौधरी ने अपने हाथों प्रमाण पत्र एवं मेडल देकर पुरस्कृत किया। क्विज में प्रथम पुरस्कार यूजी सेम 4 की छात्रा कनक परीदा, द्वितीय पुरस्कार यूजी सेम टू की छात्रा हेमंती पॉल एवं थर्ड प्राइज संयुक्त रूप से यूजी सेम के चिरंजीत कैमिला, यूजी सेम 1 की संजुक्ता भगत एवं यूजी सेम वन की नंदिता महतो को मिला। सांत्वना पुरस्कार इंटर की छात्रा मनीषा दास को मिला। इसके बाद प्राचार्य डॉ चौधरी ने दो दिवसीय इस आयोजन के सफल आयोजन में लगे विज्ञान के शिक्षकों में प्रो मोहम्मद सज्जाद, डॉ संजेश तिवारी, प्रोफेसर अर्चना सुरीन, डॉ कन्हाई बारिक, डेजी सेवा, मल्लिका शर्मा, मोहम्मद शाहिद इकबाल, श्यामल महतो एवं समीर कुमार राय को भी मेडल पहनाकर उनका उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम का संचालन डेजी सेवा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन जंतु विभाग विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर अर्चना सुरीन ने किया। कार्यक्रम में परीक्षा नियंत्रक डॉ संदीप चंद्रा, प्रोफेसर इंदल पासवान, डा एसपी सिंह, डा सिंगों सोरेन, डा रुचि स्मिता, प्रो पुंजिसा बेदिया, प्रो मानिक मार्डी, प्रो सरयू पाल, प्रो शंकर महाली के अलावे काफी संख्या छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।